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पाठ 72 संज्ञा शब्द पंचमी एकवचन
संज्ञाएँ इकारान्त पुल्लिग सामि-स्वामी
उकारान्त पुल्लिग
साहु =साधु
पंचमी एकवचन सामिणो/सामित्तो/ सामीप्रो/सामीउ सामीहिन्तो साहुणो/साहुत्तो/ साहूरो/साहूउ साहूहिन्तो वारियो/वारित्तो। वारीओ/वारीउ वारीहिन्ता वत्थुणो/वत्थुत्तो/ वत्थूप्रो/वत्थूउ/ वत्थूहिन्तो
इकारान्त नपुंसकलिंग
वारि=जल
उकारान्त नपुंसकलिंग
वत्थु -पदार्थ
सामिणो/सामित्तो। सो सामीप्रो/सामीउ/
सामीहिन्तो
डरइ/ग्रादि
वह स्वामी से डरता है।
साहुणो साहुत्तो/ सो साहूप्रो/साहूउ/
साहूहिन्तो
पढइ /ग्रादि
वह साधु से पढ़ता है ।
बारिणो/वारित्तो/ वारीग्रो वारीउपत्त उपज्जइ/प्रादि वारीहिन्तो
जल से पत्ता उत्पन्न होता है ।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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