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चतुर्थी बहुवचन
सो नरिदार / नरिदाणं गंथं कीरणइ / आदि
तुमं परिक्खाण / परिक्खाणं गंथं पढसि / श्रादि
तुमं ग्रम्हाण गच्चहि / आदि
नोट - इसी प्रकार चतुर्थी के अन्य वाक्य बना लेने चाहिए ।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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= वह राजाओं के लिए ग्रन्थ खरीदता है ।
= तुम परीक्षाओ के लिए ग्रन्थ पढ़ते हो ।
= तुम हमारे लिए नाचते हो ।
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