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तास
तस्स
पुत्तो अम्ह कोक्कइ/आदि =उस (पुरुष) का पुत्र मुझको बुलाता है ।
तिस्सा तास
पुत्तो तुमं कोक्कइ/अादि =उस (स्त्री) का पुत्र तुमको बुलाता है ।
तान ताइ ताए
चतुर्थी एकवचन
सो
नरिंदस्य ]
गंथं
कीणइ/आदि
=वह राजा के लिए ग्रन्थ खरीदता है ।
नरिंदाय
तुमं
परिक्खा परिक्खाइ परिक्खाए ।
गंथं
पठसि/आदि
=तुम परीक्षा के लिए पुस्तक पढ़ते हो।
नोट : इसी प्रकार चतुर्थी के अन्य वाक्य बना लेने चाहिए।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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