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(iv) उत्तम पुरुष सर्वनाम का द्वितीया बहुवचन-अम्हे/अम्ह/रणे __ मध्यम पुरुष सर्वनाम का द्वितीया बहुवचन-तुम्हे/तुझे/तुम्भे मे अन्य पुरुष सर्वनाम का द्वितीया बहुवचन--(पुल्लिग)- ते/ता
(नपुंसकलिंग) - ताइं/ताई/तारिख (स्त्रीलिंग)-ता/ताउ, ताम्रो
2. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ सकर्मक हैं।
3. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं ।
4. ऊपर वर्तमानकाल के वाक्य दिए गए हैं। द्वितीया बहुवचन का प्रयोग करते हुए
भूतकाल, भविष्यत्काल तथा विधि एवं आज्ञा के वाक्य बना लेने चाहिए । कर्ता एकवचन के स्थान पर कर्ता बहुवचन का प्रयोग करके भी सभी कालों में वाक्य बना लेने चाहिए।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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