SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 136
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाठ 53 1. निम्नलिखित सकर्मक क्रियाओं को कर्तृवाच्य में प्रयोग कीजिए । यह प्रयोग वर्तमानकाल, भूतकाल, भविष्यत्काल तथा विधि एवं आज्ञा में हो । 2. अच्च रोक्क = रोकना, उग्घाड = खोलना, प्रकट करना, उवयर = उपकार करना, उप्पाड = उपाड़ना, उन्मूलन करना, कट्ट ==काटना, कलंक = कलंकित करना, = पूजा करना, कोक्क = बुलाना, = खोदना, खण छोड = छोड़ना, छोल = छीलना, जिम =जीमना, ढक्क = ढकना, तोड = तोड़ना, गरह = निन्दा करना - गवेस = खोज करना चक्ख = चखना चिण = इकट्ठा करना चोप्पड = स्निग्ध करना = छोड़ना छड छल छुव देवख धोन Jain Education International 2010_03 पोस पुक्कर फाड कुट्ट = ठगना - स्पर्श करना = देखना = धोना = पीसना = = पुकारना = फाड़ना = कूटना निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत में रचना कीजिए करता है । (2) (4) देवर वस्त्र ( ( क ) ( 1 ) पिता पुत्र की निन्दा (3) परमेश्वर संसार को देखता है। छोड़े । ( 6 ) मित्र उसको पुकारे । 7 ) राम परमेश्वर की पूजा करे । ( 8 ) कुत्ता राक्षस को रोकता है । (9) राजा रत्नों की खोज करता है । ( 10 ) मनुष्य व्रतों को छोड़ते हैं । ( 11 ) वह बालक को ठगता है । ( 12 ) तुम सिंह को देखते हो । ( 13 ) मैं उसको स्पर्श करता हूँ । ( 14 ) वे उनको कलंकित करते हैं । ( 15 ) वह वस्त्रों को फाड़ता है । ( 16 ) दुःख सुख को रोकता है । ( 17 ) मित्र सिंहों को देखता है । ( 18 ) मामा शास्त्रों को स्पर्श करता है । ( 19 ) हनुमान उसका उपकार करता है । ( 20 ) हम सूर्य को ढकते हैं । For Private & Personal Use Only ( ख ) ( 1 ) वह खेत खोदेगा । (2) तुम भोजन जीमोगे । ( 3 ) वह लकड़ी छीले । ( 4 ) वह व्यसन छोड़े । ( 5 ) तुम दूध चखा । ( 6 ) वे गठरी काटेंगे । (7) हम धान कुटेंगे । ( 8 ) वे जंगल काटते हैं । (9) वह बीजों को पीसता है । प्राकृत रचना सौरभ ] दादा पोते को बुलाता है । धोता है । (5) राजा गर्व को [ 119 www.jainelibrary.org
SR No.002571
Book TitlePrakrit Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1994
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy