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असुरकुमार देव
पच्चीस योजन
असंख्यात द्वीप-समुद्र नागकुमार देव
पच्चीस योजन संख्यात द्वीप-समुद्र सुपर्णकुमार से स्तनितकुमारतक पच्चीस योजन संख्यात द्वीप समुद्र २. वाणव्यन्तर
पच्चीस योजन संख्यात द्वीप-समुद्र ३. ज्योतिष्क
संख्यात द्वीप-समुद्र संख्यात द्वीप-समुद्र ४. वैमानिक सौधर्म देव
अंगुल के असंख्यातवें नीचे रत्नाप्रभा पृथ्वी के भाग(उपपात के समय निचले चरमान्त तक, तिरछे पूर्वभव संबंधी सर्व असंख्यात द्वीप-समुद्र तक जघन्य अवधि की ऊपर अपने विमानों तक
अपेक्षा से) ईशान देव
सौधर्मवत् सनत्कुमारदेव
नीचे शर्कराप्रभा के नीचले चरमान्त तक, शेष सब
सौधर्मवत् माहेन्द्रदेव
सनत्कुमारवत् ब्रह्मलोक और लान्तकदेव
नीचे तीसरी पृथ्वी के निचले चरमांत तक, शेष सब
सौधर्मवत् महाशुक्र, सहस्त्रार देव
नीचे चौथी पंकप्रभा के निचले
चरमान्त तक, शेष सौधर्मव्रत् आनत, प्राणत, आरण, अच्युत " "
नीचे पंचमी धूमप्रभापृथ्वी के निचले चरमान्त तक, शेष
पूर्ववत् अधस्तन, मध्यम प्रैवेयकदेव " " ,
नीचे छठी तमःप्रभा पृथ्वी
शेष पूर्ववत् उपरिम ग्रैवेयकदेव
नीचे सातवीं नरक के
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