________________
२०८
लगातार उत्पन्न हो सकता है ।
6 कौन से पदार्थ नरक में नहीं होते :___ रत्नप्रभा नरक को छोडकर शेष छह नरकभूमि में द्वीप, समुद्र, पर्वत, कुंड, मोटा द्रह, तलाव, नाना द्रह, इन सबका अस्तित्त्व नहीं होता । इसी तरह बादर वनस्पतिकाय, वृक्ष, तृण-घास, छोटे-छोटे पेड, बेइन्द्रियादि तिर्यक् जीव मनुष्य, असुरकुमार को छोडकर चार निकाय के देव इन में किसी का भी नरकभूमि में अस्तित्व नहीं होता है । * जीव नरकायु कब बांधता है :
स्थानांग सूत्र में नरक में जाने के चार कारणों का उल्लेख है कि :(१) महा-आंरभ, (२) महा परिग्रह, (३) मांसाहार, (४) पंचेन्द्रिय वध । तत्त्वार्थसूत्र में नरकायु के आश्रव के कारण :बहु आरंभ, बहु परिग्रह का उल्लेख है ।
और बृहत्संग्रहणी में नरक का आयुष्य बांधने का कारण अतिक्रूर अध्यवसाय कहा है।
इसी प्रकार जीव को नरकायु बांधने को संयोग या निमित्तो में महाआरंभ, महापरिग्रह, मांसाहार, पंचेन्द्रिय वध, अतिक्रूर अध्यवसाय, भयंकर रौद्रध्यान, तीव्र संक्लेशमय परिणाम आदि कारण से नरकायु का बंध होता है । M कौन से जीव नरक में से आये होगे और पुनःनरक में जाने की संभावना वाले
अतिक्रूर अध्यवसाय वाले सर्प, सिंहादि, गीध आदि पक्षी, मत्स्य आदि जलचर जीव प्रायः नरक में से आये हुए होते हैं और इनकी पुनः नरक में जाने की संभावना होती हैं।
सामान्यतः इन जीवों के अध्यवसाय ऐसे अशुभ होते हैं, कि उनको नरक में से आये हुए और नरक जाने वाले कहे हैं। परंतु यदि चंडकौशिक सर्प की तरह अध्यवसाय शुभ हो जाय तो नरक के स्थान पर देवलोक में भी जा सकते हैं।
6 नरक की गति-आगति नरक के जीव सामान्यतः कौन सी गति से आते हैं और कौन सी भूमि
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org