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२) चंडा :
इस परिषदा में चौवीस हजार देव और चार सौ देवियाँ होती हैं । देवों की स्थिति तीन पल्योपम की और दो पल्योपम की देवियों की स्थिति है । शेष वर्णन चमरेन्द्र की चंडा की तरह है। ३) जाता :
इसमें अट्ठावीस हजार देव और साढ़े तीन सौ देवियाँ होती है । ढाई पल्योपम देवों की डेढ़ पल्योपम की स्थिति देवियों की कही गई है ।६३
इसी प्रकार शेष देव और देवियों की स्थिति, संख्या वर्णन विस्तार से जीवाभिगम सूत्र में किया गया है ।
८. अन्य भवनपति देवेन्द्रों का संक्षिप्त परिचय शेष सभी भवनवासी देवों के इन्द्रों का वर्णन निम्न तालिका के अनुसार
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सामानिक देव आत्मरक्षक देव देवों का नाम दक्षिण उत्तर दक्षिण उत्तर दक्षिण उत्तर १. असुरकुमार चमर बलि ६४ हजार ६० हजार २. ला. ५६ हजार २ ला. ४० हजार २. नागकुमार धरण भुतानंद ६० हजार ६० हजार २. ला. ५६ हजार २ ला. ४० हजार सुवर्णकुमार वेणुदेव वेणुदालि ६० हजार ६० हजार
हरिकांत हरिस्सह ६० हजार ६० हजार अग्निकुमार अग्निशिख अग्निमाणव६० हजार ६० हजार २४ हजार दोनों मिलकर ६. द्वीपकुमार पूर्ण विशिष्ट ६० हजार ६० हजार " ७. उदधिकुमार जलकांत जलप्रभ ६० हजार ६० हजार ८. दिक्कुमार अमितगति अमितवाहन६० हजार ६० हजार ९. वायुकुमार वेलंब प्रभजंन ६० हजार ६० हजार १०. स्तनितकुमार घोष महाघोष ६० हजार ६० हजार
इस प्रकार सभी भवनवासी इन्द्र वहाँ पर देवों का आधिपत्य करते हुए रहते हैं।
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