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ध्यानशतकम् सा समुदाणकिरिया, सा दुविहा-देसोवघायसमुदाणकिरिया सव्वोवघायसमुदाणकिरिया, तत्थ देसोवघाएण समुदाणकिरिया कज्जइ कोइ कस्सइ इंदियदेसोवघायं करेइ, सव्वोवघायसमुदाणकिरिया सव्वप्पयारेण इंदियविणासं करेइ ।
१८ - पेजवत्तिया पेम्म राग इत्यर्थः, सा दुविहा-मायानिस्सिया लोभनिस्सिया य, अहवा तं वयणं उदाहरइ जेण परस्स रागो भवइ ।
१९ - दोसवत्तिया अप्रतीतिकारिका सा दुविहा-कोहनिस्सिया य माणनिस्सिया य, कोहनिस्सिया अप्पणा कुप्पइ, परस्स वा कोहमुप्पादेइ, माणणिस्सिया सयं पमज्जइ परस्स वा माणमुप्पाएइ ।
२० - इरियावहिया किरिया दुविहा-कज्जमाणा वेइज्जमाणा य, सा अप्पमत्तसंजयस्स वीयरायछउमत्थस्स केवलिस्स वा आउत्तं गच्छमाणस्स आउत्तं चिट्ठमाणस्स आउत्तं निसीयमाणस्स आउत्तं तुयट्टमाणस्स आउत्तं भुंजमाणस्स आउत्तं भासमाणस्स आउत्तं वत्थं पडिग्गहं कंबलं पायपुंछणं गिण्हमाणस्स निक्खिवमाणस्स वा जाव चक्खुपम्हनिवायमवि सुहुमा किरिया इरियावहिया कज्जइ, सा पढमसमए बद्धा बिइयसमए वेइया सा बद्धा पुट्ठा वेइया निज्जिण्णा सेअकाले अकंमंसे यावि भवइ । एयाओ पंचवीस किरियाओ ।।
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