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आचरागभाजन
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APOOR CORPOR90
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विशुद्धं विशदात्मानं, परमात्मानमात्मना। सन्निधिं सहजं नीत्वा, तनोम्याचारमद्भुतम्।।
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भाष्यकार
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वाचना प्रमुख गणाधिपति तुलसी
आचार्य महाप्रज्ञ
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