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________________ काल में अहमदाबाद के परिसर (आसपास) में हुआ होगा। वैसे ही वह जिनागम में पारंगत था और उसका संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं पर गहरा प्रभुत्व था, ऐसा मालुम होता है। 'कुम्मापुत्तचरिअं' का सारांश दान, तप, शील और भाव इन चतुर्विध धर्मों में भाव-चित्तशुद्धि का महत्त्व सिद्ध करने के लिए अनंतहंस कवि ने पुराणकाव्यशैली में 'कुम्मापुत्तचरिअं' नाम के लघु, लेकिन परिणामकारक कथानक को महाराष्ट्री प्राकृत भाषा में लिखा है। इस शुद्ध भाव से ही घर में रहकर भी कूर्मापुत्र को केवलज्ञान प्राप्त हो गया। इस विषय पर यह काव्यमय कथा है। मङ्गलाचरण मङ्गलाचरण के रूप में सुर और असुरों के इंद्रों द्वारा वंदनीय भगवन् महावीर प्रभु के चरणकमलों को वन्दन कर कवि संक्षेप से कूर्मापुत्र की जीवनकथा का प्रारम्भ करता है। (१) प्रारम्भिकी एक समय भगवान् महावीर विहार करते-करते राजगृह के गुणशिल्पक उद्यान में पधारे। उस समय देवों ने समवसरणसभा की रचना की। वहाँ भगवन् सभा में आये भव्यजीवों को दान, तप, शील और भाव इन चार प्रकार के धर्मों का हितोपदेश देने लगे। उनमें भाव-चित्तशुद्धि महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि भाव ही संसारसागर पार कराने की नौका, स्वर्ग और मोक्ष का मार्ग तथा मनोवांछित वस्तु की प्राप्ति के लिए चिंतामणि है। इसलिए कूर्मापुत्र को इस शुद्ध भाव के प्रभाव से घर में रहकर भी केवलज्ञान की प्राप्ति हुई। सच कहा जाये तो भावशुद्धि के लिए गृहस्थ और मुनि यह भेद ही नहीं रहता। यह सुनकर इन्द्रभूतिगौतमगणधर ने जिज्ञासा से भगवन् को कूर्मापुत्र के बारे में पूछा। तब भगवन् कूर्मापुत्र की अद्भुत जीवनकथा कहने लगे। (२-८) कूर्मापुत्र का पूर्व जीवन जंबूद्वीप के भारतवर्ष में दुर्गमपुर नाम का समृद्ध और सुविख्यात नगर था। वहाँ महाप्रतापी द्रौण राजा अपनी दुमा पट्टरानी के साथ सुख से राज्य करता था। उनका दुर्लभ नाम का कामदेवसदृश सुन्दर और गुणशील पुत्र था। वह जवानी और राजमद से सेवक आदि को गेन्द के समान ऊपर फेंकने में आनन्द मानता था। (६-१३) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002548
Book TitleSirikummaputtachariyam
Original Sutra AuthorAnanthans
AuthorJinendra Jain
PublisherJain Adhyayan evam Siddhant Shodh Samsthan Jabalpur
Publication Year2004
Total Pages110
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size5 MB
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