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स्वास्थ्य विज्ञान, दीर्घजीविता विज्ञान एवं अन्य विज्ञानों की शाखा के रूप में विकसित हो रही हैं।
इस प्रकार हमारे आगम ग्रंथ वर्तमान ज्ञान-विज्ञान के बीज भूत ग्रंथ हैं। ये बीज पनपते-पनपते अब महावृक्ष से हो गये हैं। इससे आगम-बीज की प्रच्छन्न जीवन्त शक्ति का अनुमान लगता है।
-१२/६४४, बजरंग नगर, रीवा (म.प्र.)४८६009
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