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भाषाओं में उपलब्ध हैं। कुछ आगम अंग्रेजी भाषा में भी अनूदित और विवेचित हुए हैं। हर्मन जेकोबी, वाल्टर शुबिंग आदि विदेशी विद्वानों ने भी इस दिशा में अग्रणी रूप से कार्य कर जैन साहित्य की महत्ता को भारतीयों और वैदेशिकों के मध्य प्रतिष्ठित किया है। आचारांग सूत्र का प्रथम संस्करण हर्मन जैकोबी द्वारा बर्लिन से प्रकाशित किया गया था। भारत में आचार्य श्री आत्माराम जी म.सा., आचार्य श्री हस्तीमल जी म.सा., पूज्य श्री अमोलकऋषि जी, मुनि श्री पुण्यविजय जी, मुनि श्री जम्बूविजय जी, श्री सागरानन्दसूरि जी, आचार्य श्री तुलसी जी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी, उपाध्याय श्री कन्हैयालाल जी 'कमल' आदि ने आगमों के संपादन, अनुवाद, विवेचन या टीका लेखन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान किया है। विद्वत् समाज में प. श्री दलसुख मालवणिया, पं. श्री बेचरदास दोशी, पं. श्री शोभाचन्द भारिल्ल आदि के नाम आदरपूर्वक लिए जाते हैं।
अभी तक भाष्य, चूर्णि और संस्कृत टीकाओं के अनुवाद सामने नहीं आए हैं। प्रकीर्णकों का अनुवाद आगम-अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर से हो रहा है। नियुक्तियों पर लाडनूं और वाराणसी में कार्य चल रहा है।
भगवान महावीर के २६००वें जन्मकल्याणक के अवसर पर उनकी वाणी के अंश रूप में मान्य आगमों के अध्ययन को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से जिनवाणी का अप्रेल-२००२ में 'जैनागम-साहित्य' विशेषाङ्क प्रकाशित किया गया। इस विशेषाङ्क में स्थानकवासी एवं तेरापन्थ सम्प्रदाय द्वारा मान्य सभी ३२ आगमों के
अतिरिक्त प्रकीर्णकों एवं आगमों के व्याख्या-साहित्य पर भी निबन्ध संगृहीत हैं। दिगम्बर परम्परा में मान्य प्रमुख आगमतुल्य ग्रन्थों का परिचय भी इसमें समाविष्ट
जैनागम-साहित्य के परिचय हेतु पूर्व में भी कुछ प्रकाशन हुए हैं, उनमें एच.आर. कापड़िया की पुस्तक- A History of Jaina Canonical Literature, श्री विजयमुनि शास्त्री की “आगम और व्याख्या साहित्य", आचार्य देवेन्द्रमुनि जी की “जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा", आचार्य जयन्तसेनसूरि जी द्वारा सम्पादित “जैनागम : एक अनुशीलन" पुस्तकें प्रकाश में आई हैं। पार्श्वनाथ विद्यापीठ से प्रकाशित जैन साहित्य का बृहद् इतिहास के प्रथम दो भाग भी इस दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। आचार्य श्री हस्तीमल जी महाराज के "जैन धर्म का मौलिक इतिहास" एवं डॉ. जगदीशचन्द्र जैन के 'प्राकृत साहित्य का इतिहास' पुस्तकों में भी आगम-साहित्य का परिचय विद्यमान है। इसके अतिरिक्त अहमदाबाद
स्वाध्याय शिक्षा
में
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