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________________ 18. डॉ0 आशीर्वाद लाल श्रीवास्तव, भारत का इतिहास, पृ0 सं0 625. 19. "नृपति जहां राजै औरंग। जाकी आज्ञा बहै अभंग।। ईतिभीति व्यापै नहिं कोय। यह उपकार नृपति को होय।।" --भैया भगवतीदास, ग्रंथकर्ता परिचय, छं सं0 3. 20. डॉ प्रेमसागर जैन, जैन शोध और समीक्षा, पृ0 सं0 153. 21. यदुनाथ सरकार, औरंगजेब, पृ0 सं0 140. 22. वही, पृ0 सं0 150. 23. सर यदुनाथ सरकार, औरंगजेब के उपाख्यान, पृ0 सं0 9,10. 24. डॉ० आशीर्वाद लाल श्रीवास्तव, भारत का इतिहास, पृ0 सं0 637. 25. डॉ0 ताराचन्द, हिन्दुस्तान के निवासियों का इतिहास, (1949 ई0 वाला संस्करण) पृ0 सं0 234. 26. यदुनाथ सरकार, औरंगजेब, पृ0 सं0 427. 27. भैया भगवतीदास, मोहभ्रमाष्टक, छं0 सं0 5. 28. डॉ0 ज्योतिप्रसाद जैन, भारतीय इतिहास की दृष्टि, खंड 2, 9 सं0 511. 29. डॉ0 नगेन्द्र, हिन्दी साहित्य का वृहत इतिहास, षष्ठ भाग, पृ० सं0 15. 30. भैया भगवतीदास, सुबुद्धि चौबीसी, छं0 सं0 10. 31. डॉ नगेन्द्र, हिन्दी साहित्य का वृहत इतिहास, षष्ठ भाग, पृ0 सं0 7. 32. यदुनाथ सरकार, औरंगजेब, पृ० सं० 425. 33. भैया भगवतीदास, सुपंथ कुपंथ पचोसिका, छं0 सं0 19. 34. विद्यारत्न पं0 मूलचन्द वत्सल साहित्य शास्त्री, एक सरल कवि (भैया भगवतीदास), अनेकान्त, फरवरी सन् 1944 ई0, पृ0 सं0 257. 35. "जो न जुगति पिय मिलन, धूरि मुकति मुह दीन। जो लहिये संग सजन, तै धरक नरक हूं कीन।।" -कविवर बिहारी, बिहारी-रत्नाकर, दो0 सं0 75. 36. 'धूमन के धौरहर देख कहा गर्व करै, ये तो छिन माहि जाहिं पौन परसत ही।' -भैया भगवतीदास, पुण्यपचीसिका, छं0 सं0 17. 37. 'भैया विनवहिं बारंबारा। चेतन चेत भली अवतारा।। वै दूलह शिवरानी वरना। एते पर एता क्या करना।।' - भैया भगवतीदास, नंदीश्वर द्वीप की जयमाला, छं) सं0 25.. (34) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002541
Book TitleBhaiya Bhagavatidas aur Unka Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUsha Jain
PublisherAkhil Bharatiya Sahitya Kala Manch
Publication Year2006
Total Pages252
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size10 MB
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