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३८] सयम्भुकिउ पउमचरिउ गयवर-गत्त-पईहर-गत्तहें हड्डु-रुण्ड-विच्छड्डत्थरियह जस-डाय-हस्थिणिया-रूढहें
अण्णेकेण वुत्तु 'सुणु सुन्दरि । रहवर-गयवर-णरवर-वलियहें
[क० ८, ४-९, ९, १-९,१०,१-५ अन्त-ललन्त-सुम्व-सञ्जुत्तहें ॥४ करि-कुम्भोवहाण-वित्थरिय ॥ ५ वारण-मत्तवारणालीढहें' ॥६ गुरु-णियम्। वियड-उरें. किसोअरि ॥ ७
धय-तोरणहें समर-वाहलियहें ॥ ८ ॥ पत्ता ॥ हणुहणुकारु करेवउ। मझिन्दुऍण रमेवउ' ॥९
असि-चोवाण लएवि कल्लऍ सुहड-सिरेहिँ
[९]
॥ दुव्वार-वइरि-विणिवारणहुँ तं वयणु सुर्णेवि सुअ-सारणहुँ ॥१
स-कलत्तहाँ गहिय-पसाहणों गउ मन्दिरु तोयदवाहणहों ॥२ थिउ जाल-गवक्खऍ वइसरेंवि केसरि गिरि-गुह पइसरेवि ॥३ णिय-णन्दणु गलगजन्तु सुउ वयणुब्भडु रहसुभिण्ण-भुउ ॥४ "णिय लील कन्ते तउ दक्खवमि हउँ कल्लएँ रण-वसन्तु रवैमि ॥५ 6 रिउ-सोणिय-घुसिणे-चच्चियउ सजण-चच्चरि-परिअञ्चियउ॥६ जसु देमि विहजेवि सुरवरहुँ जम-वरुण-कुवेर-पुरन्दरहुँ॥७ रावण-मण-णयण-सुहावणिय दावमि दणु-दवणा-भञ्जणिय ॥८
॥ घत्ता ॥ करि-कुम्भ-स्थल-वीढ़ें असि वार-त्ती सन्धमि । 2. लक्खण-राम-सरेहिँ घणे हिंदोला वन्धमि' ॥ ९
[१०] तं वयणु सुर्णेवि घणवाहणहाँ ___ दुज्जयों अणिट्ठिय-साहणहाँ ॥१. गउ रोवणु पर-मण-उद्दहणु जहिँ जम्बुमालि पइजारहणु ॥२
तेण वि गलगजिउ गेहिणिहें सीढेण व अग्गएँ सीहिणिहें ॥३ 28 'सुणु कन्तै कल्ले का करमि जिह खय-पाउसु तिह उत्थरमि ॥४
मजन्त-मत्त-मयगल-घणेहिँ दडि-ददुर-भेरी-वरहिणेहिँ ॥ ५ 3 PS मन्त. 4 PS सुंभु. 5A °णरवह लिहे. 6 PS A समरे. 7A वाहिलियहे.
9. 1 PS °गुहे. 2 P s रहसुच्छलिय'. & P S रममि. 4 s तिमिरु. 5 PS विहंजमि, 6 PS A भंजणिया, A 'हंजणिय. 7 P S करे. 8 PS 'स्थले. 9 Ps हिंदोलउ.
10. 1 PS रामणु. 2 P °उड्डहणु. 3 PSA काइ. [८] १ शरीरया. २ गंड्रक इव शिरोवष्टंभ. ३ पताकया. [९] १ सीता (?).
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