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फै० १२,५-९, १३, १-९; १४, -५, जुज्झकण्डं-एक्कसटिमो संधि [३३ अण्णेकें वाणे छिण्णु चिन्धु अण्णेके रिउ वच्छयले विद्ध ॥५ विहलवलु महियले पडिउ हत्थु णं दहवयणहों जेवणउ हत्थु ॥ ६' एत्तहें वि वे वि रण-भर-समत्थ ओवडिय भिडिय णील-प्पहत्थ ।। ७ वेण्णि वि स-रोस वेण्णि वि पचण्ड वेण्णि वि गझोल्लिय-वाहुदण्ड ॥८
· ॥ धत्ता ॥ पञ्चारिउ णीलु पहत्थेंण. 'पहरु पहरु एक्कहों जणहाँ । जय-लच्छि देउ आलिङ्गणु जिम रामहों जिम रामणों ॥९
• [१३] एत्थन्तरें णीलें ण किउ खेउ णाराउ विसजिउ चण्ड-वेउ ॥१ गुण-धम्मामेल्लिउ चलिउ केम विन्धणेउ सहावें पिसुणु जेम्व ॥२ सो एन्तु पहत्थें कुद्धएण करिवर-सन्दणेण करि-द्धएण ॥ ३ छक्खण्डइँ किंउ छहिँ सरवरेहिँ णं महियलु आगमें मुणिवरेहिँ ॥४ चउषीस णवर णीलेण मुक्क एकेकहों वे वे वाण दुक्क ॥५ विहिँ करि कप्परिय समोत्थरन्त विहिँ सारहि विहिँ धय थरहरन्त ॥ ६ रहु एके एके कवउ छिण्णु धउ एके एके हियउ भिण्णु ॥७ विहिँ वाहु-दण्ड विहिँ विलुअ पाय एवं तहों मरणावत्थ जाय ॥ ८
॥घत्ता॥ सिर-कम-करोरु छक्खण्डइँ जाउ सिलीमुंह-कप्परिउ । लक्खिजइ सुहडु पडन्तउ णं भूअहँ वलि विक्खैिरिउ ॥९
[१४] जं विणिहय हत्थ-पहत्थ वे वि थिउ रावणु मुहें कर-कमलु देवि ॥१ णं मत्त-महागउ गय-विसाणु णं वासरे तेयं-विहीणु भाणु ।। २ णं णी-ससि-सूरउ गयण-मग्गु णं इन्द-पडिन्द-विमुकु सग्गु ॥३ णं मुणिवरु इह-पर-लोय-चुक्कु णं कुकइ-कव्वु लक्खण-विमुक्कु॥४ थिउ वलु विणिरुज्जमु गलिय-गांउ राहव-वलु परिवद्धिय-पयावु ॥५
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3 s जीवण, जेवणउं'. 4 A उत्तहे. ___ 13 1 A विंधणउं. 2 A कइ. 3 P महिमले, S महिमले. 4 P S समोरसंत. 5A सिरु कमकरो. 6 PS सिलेम्मुह. 7 8 लजिजइ. 8 PS वि(s वि)करिउ.
14. 1 Fs करयलु करेकि 2 A जि णिरुजउ. 3 Ps 'गब्बु. 4 P पवड्डिय', s परिवडिय 5 PS °पयन्वु.
[१३] १ विजयार्द्धन गंगासिंधुभ्यां यथा षखंडाः कृताः.
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