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क० १२, १-९, १, १-९]
जुज्झकण्डं-एक्सट्ठिमो संधि [२७ . [१२] तं णिसुणेवि विप्फुरियाणणाएँ अण्णेक्कऍ वुत्तु वरङ्गणाएँ ॥१ . 'जहिँ राहउ विडसुग्गीव-महणु जहिँ गवउ गवक्खु विवक्ख-वहणु ॥२ जहिँ लक्खणु खर-दूसण-विणासु जहिँ भामण्डलु जयसिरि णिवासु॥३ जहिँ अङ्गउ अङ्गु सुसेणु तारु • जहिँ णीलु णहुसु णलु दुण्णिवारु ॥४ । जहिँ अहिमुह दहिमुहु मइसमुदु मइकन्तु विराहिउ कुमुउ कुन्दु ॥५ जहिँ जम्वउ जम्ववरयणकेसि जहिँ कोमुइ-चन्दणु-चन्दरासि ॥ ६ जहिँ मारुइ णन्दणवण-कयन्तु जहिं रम्भु महिन्दु विहीस-वन्तु ॥७ जहिँ सुहडु विहीसणु सूल-हत्थु सेणावइ सइँ सुग्गीउ जेत्थु ॥ ८
॥घत्ता ॥ तं वलु हले सहि एत्तिउ एउ करेसइ । सवणु पाडेंवि ' लङ्क स ई भु जेसई' ॥ ९
[६१ एक्कसट्ठिमो संधि] जस-लुद्धइँ अमरिस-कुद्धइँ हय-तूरइँ किय-कलकलई। अग्भिट्टई रहस-विसई ताम्व राम्व-रामण-वलइँ॥1
[१] वइदेहिहें कारणे अतुल-वलइँ अभिट्टइँ रामण-राम-वलइँ ॥१ णं जुअ-खऍ महियल-गयणयलइँ सविमाणइँ विजुल-वेय-चलइँ॥२ पडु-पडह-भेरि-गम्भीर-सरइँ अवरोप्परु अहिणव-रोस-भरइँ ॥३ सिल-पाहण-तरु-गिरि-गहिय-करइँ सव्वल-हुँलि-हल-करवाल-धरइँ॥४ 20 उग्गासिय-भामिय-भीम-गयइँ ओरालि-गरुअ-गजन्त-गयइँ ॥५ पडिपेल्लिय-रह-हिंसन्त-हयइँ धुअ-धवल-छत्त-धूवन्त-धयइँ ॥६ साहीण-पाण-परिचत्त-भयइँ पम्मुक्क घाय-सङ्घाय-सयइँ ॥७ समुहेक्कमेक-सन्छुद्ध-पयइँ संयवार-चार-उग्घुट-जयइँ ॥८
॥ पत्ता ॥ , स-पयावइँ कड्डिय-चावइँ सर-सन्धन्त मुअन्ता।
णं घडियइँ विण्णि वि भिडियइँ पयइँ सुवन्त-तिङन्ताइँ ॥९ 12. 1 PS कुमउ. 2 A तंवोलु. 1. 1 P लाई राम रामण', S ताइ राम रावण'. 2 A reads ध्रुवकं ॥ at the end. 3 Ps . हुल. 4 P S ओरालिय.. 5 P S धुव. 6 P s °मुक्क'. '7 Ps उघहु, A उरघुट्ठ.,8 P SA तिदंताई. .
[१] १ स्यादि-त्यादि के पद.
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