SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 84
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४] सयम्भुकिउ पउमचरिउ [क०६,१-९,७,१-७ [६] कुमुआवत्त-महिन्द-मण्डला सूरसमप्पह-भापमण्डला ॥ १ रईवद्धण-सङ्गामचञ्चला दिढरह-सबम्पिय-करामला ॥ २ मित्ताणुद्धर-वग्घसूअणा एए.णरवइ वग्घ-सन्दणा ॥ ३ 5 कुद्ध-दुट्ठ-दुप्पेक्ख-रउरवा अप्पडिहाय-समाहि-भइरवा ॥ ४ पियविग्गह-पञ्चमुह-कडियला विउल-वहल-मयरहर-करयला ॥ ५ पुण्णयन्द-चन्दासु-चन्दणा एए णरवइ सीह-सन्दणा ॥ ६ तिलय-तरङ्ग-सुसेण-मणहरा विजुकण्ण-सम्मेय-महिहरा ॥ ७ अङ्गङ्गय-काल-विकाल-सेहरा तरल-सील-वलि-वल-पओहरा ॥ ८ (उप्पहासिणी णाम छन्दो) ॥ घत्ता ॥ एए णरवइ सयल वि तुरय-महारह । णाइँ णिसिन्दहाँ कुद्धा कूर महागंह ॥ ९.". [७] चन्दमरीचि-चन्द-चन्दोअर-चन्दण-अहिअ-अहिमुहा गवय-गवक्ख-दुक्ख-दसणावलि-दामुद्दाम-दहिमुहा ॥ १ हेड-हिडिम्ब-चूड-चूडामणि-चूडावत्त-वत्तली कन्त-वसन्त-कोन्त-कोलाहल-कोमुइवयण-वासणी ॥२ कञ्जय-कुमुअ-कुन्द-इन्दाउह-इन्द-पडिन्द-सुन्दरा सल्ल-विसल्ल-मल्ल-हल्लिर-कल्लोलुल्लोल-कुवरा ॥३ धामिर-धूमलक्खि -धूमावलि-धूमावत्त-धूसरा दूसण-चन्दसेण-दूसासण-दूसल-दुरिय-दुक्करा ॥४ दुप्पिय-दुम्म॑रिक्ख-दुजोहण-तार-सुतार-तासणा हुल्लुर-ललिय-लुच्चउल्लूरण-तारावलि-गयासणा ॥५ ताराणिलय-तिलय-तिलयावलि-तिलयावत्त-भञ्जणा जरविहि-वजवाहु-मरुवाहु-सुवाहु-सुरिट्ठ-अञ्जणा ॥ ६ (दुवई-कडवयं णाम छन्दो) ॥ घत्ता ॥ एए णरवइ समर-सऍहिँ 'णिबढा। चलिय असेस वि पवर-विमाणारूढा ॥ ७ 6. 1 P रइवधण, s रइवंधण'. 2 P S 'कलयला. 3 PS °महीहरा. 4 P ओप्पहासिणी, A उपहणी. 5 P S °महारहा. 6 P S °महागहा. 7. 1 Ps °णदण'. 2 Ps हेडि'. 3 P °वेय', s वेड'. 4 P "दुमरिक', 8 घसमरिक 5 PS हुल्लर'. 6 PS लुंचु. [७] १ दत्तस्कन्धाः . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy