________________
क० ८, १-९; ९, १–९ ]
पुणु दिण्णु अभग्गमडप्फरेण 'भणु "एसइ अजर अलद्ध-थाहु पहरण-कर-णरवर-जलयरोहु उत्तुङ्ग-तुरङ्ग-तरंङ्ग-भङ्गु
कोहरुरुह (१) -सुसुयर- पर्यंरु करवाल- पहर-परिहच्छ-मच्छु कुम्भयल - सिलायल - विसम तूं हु तेह भामण्डल - जलपवाहु
www
वुच्चइ णल-णीलेंहिं " अरे हत्थ - पहत्थों
[4]
सन्देसउ सीय-सहोवरेण ॥ १ कलऍ भामण्डल - - जलपवाहु ॥ २ 'धुय-धवल - छत्त- डिण्डीर - सोहु ॥ ३ पवणाहय धय- उँड्डिर- विहङ्गु ॥ ४
गज्जन्त-मत्त-मायङ्ग-मयरु ।। ५ णिवणक्क-ग्गाह-फरोह- कच्छु ॥ ६ सिय- चमर - वैलायावलि' - समूहु ॥ ७ रेल्लन्तु लङ्क पईसइ अथाहु" " ॥ ८
जुज्झकण्डं - अट्ठवण्णासमो संधि [११
॥ धत्ता ॥
दूसम - सीलेंहिं पहरण - हत्थे हों
[९]
'अङ्गय गम्पिणु एम भणें ।
जिह सक्कों तिह थाहु रणें " " ॥ ९
वायरणु जेम जं पुज्जणीउ वायरणु जेम आयम- णिहाणु वायरणु जेम अत्थुवहन्तु वायरणु जेम विग्गह- समाणु वायरणु जेम अवय- णिवाउ वायरणु जेम परलोय - करणु
णिय - वइरु सरेवि जसाहिएण भणु " रावण जिह पइँ किउ अकज्ज चन्दोयरु मारेंवि लइउ रज्जु ॥ २ वायरणु जेम सं-विसज्जणीउ ॥ ३ वायर जेम आएस थाणु ॥ ४ वायरणु जेम गुण-विद्धि देन्तु ॥ ५ वायरणु जेम सन्धिजमाणु ॥ ६ वायरणु जेम किरिया - सहाउ ॥ ७ वायरणु जेम गण-लिङ्ग-सरणु ॥ ८
॥ घत्ता ॥
सन्देस दिणु विराहिएण ॥
•
6
तं रज्जु महार दिणु जेम खर दूसणहुँ । तिह धीरुँ म छड्डेहि अङ्गु समोड्डुहि मम णारीयहुँ भीसणहुँ” ” ॥ ९
गुण-गरुआरउ
१
8. 1 P A भामंडलु. 2 wanting in A. 3Ps उड्डिय°. 4 A°रुकह'. 5 Ps ° पवरु. 6PS ° परिहच्छु. 7 'लिसमूहु wanting in A. 8 wanting in A 9Ps भामंडलु; wanting in A. 10 P एसई.
9. 1 The portion from 4 b to 7 b is wanting in A. 2Ps विग्गगहु. 3 A चीरु or वीरु. 4 P च्छड्डूहि, च्छंडहि, A च्छड्डुहिं. 5s मग्ग, A यम. 6 P णारायहु, 8 णराय हु, A नरायहु. 7 PSA भीसणहु.
[८] १ कच्छपः २ तटः ३ बलाकावली. ४ समुद्रः. ५ ( P's reading ) आगमनं [९] दूत- हेरिक-सहितो, अन्यत्र बिन्दु-द्वयं विसर्जनीय- युक्तम्. २ द्रव्यागमं, अन्यत्र प्रसिद्धागमम् . ३ चिह्नम्.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
10
15
20
www.jainelibrary.org