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१०] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
कि० ६,१-५७,१-९
[६] एत्थन्तरें दिण्णु स-मच्छरेण सन्देसउ 'किक्किन्धेसरेण ॥१ 'भणु "रावण कल्लऍ कवणु चोज्जु सुग्गीउ करेसइ समरें भोजु ॥२
दुप्पेक्ख-तिक्ख-णाराय-भत्तु कणिय-खुरुप्प-अग्गिाउ देन्तु ॥३ • मुक्केक-चक्क-चोप्पडय-धारु सर-झसर-सत्ति-सालणय-सारु ॥४
तीरिय-तोमर-तिम्मण-णिहाउ मोग्गर-मुसुण्ढि-गय-पत्त-साउ ॥ ५ सबल-हुलि-हल-करवाल-इक्खु फर-कणय-कोन्त-कल्लवण-तिक्खु ॥ ६ तं तेहउ भोज्जु अकायरेहिं भुञ्जेवउ परऍ णिसापरेहिँ ॥७ इन्दइ-घणवाहण-रावणेहिँ हत्या-पहत्थ-सुयसारणेहिँ ॥८
॥त्ता॥ भुत्तोत्तर-कालेंहिँ रणउह-सौलहि दीहर-णि ऍ भुत्तऍहिँ । अच्छेवउ साहिँ विगय-पयाहिँ महु सर-सेजहिँ सुत्तहि ॥९
[७] पुणु पच्छले सुर-करि-कर-भुएण सन्देसउ दिइ मरु-सुएण ॥१ 15 'भणु इन्दइ "इच्छिउ देहि जुज्झु हणुवन्तु भिडेसइ परऍ तुझु ॥२ णिडुरिय-णयण-वयणुब्भडाहँ भञ्जन्तु मडप्फर रिउ-भडाहँ ॥ ३
अलि-चुम्विय-लम्विय-मुहवडाहँ असि-घाय देन्तु सिरे गय-घडाहँ ॥ ४ पडिकूल-पवर-पंवणुच्छडाहँ मोडन्तु दण्ड धुअ-धयवडाहँ ॥ ५ विहडप्फड-कडमद्दण-कराहँ भञ्जन्तु पसरु रुणे रहवराह ॥ ६ " दिढ गुड तोडन्तु तुरङ्गमाहँ पर-वलु वलि देन्तु विहङ्गमाहँ ॥७ दरिसन्तु चउद्दिसु भड-चियाइँ धूमन्तइँ जिह दुजण-मुहाइँ ॥४
॥घत्ता ॥ इय लीलऍ साहणु रह गय-वाहणु जिह उववणु तिह णिवमि । जे पन्थें अक्खउ णिउ दुप्पेक्खउ तेण पाव प. पट्ठवमि ॥९
6. 1 P °मुसंदि. 2 P S हत्थ. 3 P सालिहिं, 5 सालिहि, A सालहि. 4 P S "णिय, A निइए. 5 P S °सेज्जए. ___7. 1 Wanting in A. 2 PS देमि. 3 P समरि, S समरे. 4 P°णुब्भडाहुँ; s गुब्भडाहु and similarly in the following occurrences. 5 P 8 °णुब्भडाई (s हु). 6 A कडवंदण'. 7 P विहंगमाहुं, 8 विहंगमाहु, A विहंगमाहि. ४ P S इह. 9 A मक्खउं. 10 A मई, 8 पइ. [६] १ सुप्रीवेन. २ भग्गु प्रयसेनु प्रकर्षेण(?). ३ गदा-प्राप्त-खादः(?). ४ प्रभाते. ५ सर्वैः. [७] १ हनूमता. २ नीतः. ३ मार्गेण.
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