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________________ 5 10 ६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ तं णिसुणेवि वयणु तहों जोहहों ते ते 'मिलिया रणे इ सुमन्तहों 'इच्छों वहाँ 'देव पत्ति जई एयहुँ तणउँ चारु को जाणइ पण मॅइसमुह 'ई' आवइ पत्तिय एवहिँ रावणु जिर्जइ 'किङ्कर बहुऍहिँ ऍहु जि' पहुच्चइ मिलिउ विहीसणु लङ्क पईसहों 20 दिज्जउ रज्जु विहीसणहों अहुँ का महाहवेण तं णिसुणेवि पचविडं मारुई 15 'देव देव देविन्दे - सासणं आर्ड विहीणु परम-सज्जणो सच्चवाइ जिण-धर्मं- वच्छलो मइँ समाणु एणासि जम्पियं जइ महु वुत्तर ण किड रोऍण तं णिसुष्पिणु राहण आउ विहीणु गह- सहि [ क० १०, १- ९, ११, १-७ [१०] जे जे के वि राथ रेज्जोहहों ॥ १ मंइकन्तेण वृत्तु सामन्तहों ॥ २ तो णणिसायरा पक्तिज्जइ ॥ ३ जेहिँ छलेण छलिय वर्णे जाणई' ॥ ४ एत्ति व परं - पुणेहिं आवइ ॥ ५ णिय-मणें सयल सङ्क वज्जिज्जइ ॥ ६ ताहं मि" साहणें ऍहु जि" पहुच्चइ ॥ ७ लग्गज कर लें सीय हलीसहों ॥। ८ ॥ घत्ता ॥ जेण वे वि जुज्झन्ति परोप्परु । परु जे परेण जाउ सय-सक' ॥ ९ [११] जो किर वैम्हु मयणु माँ - रुई ॥ १ सचं कलहें वि महु दसासणं ॥ २ विणयवन्तु दुण्णय - विसंज्जणो ॥ ३ सयल-काल-परिचत्त- वेंच्छलो ॥ ४ तं करेमि हलहरहों जंपियं ॥ ५ तो रिउ साहणें मिलमि रोऍणं' ॥ ६ ॥ घत्ता ॥ पेसिउ दण्डपाणि हक्कारउ । एयारहमु णाइँ अँङ्गारउ ॥ ७ 10. 1 P s कारणे मिलिया मंतहो. 2 SA देव. 3 P A तणउं. 4 P महु; s किं. 5 परिपुण्णेहिं, s परिपुण्णेहि 6 Ps भिजइ. 7Ps किं कर. 8Ps पहु रुच्चइ 9 P ताहं, A ताहिं . 10 Ps दसाणणे. 11 wanting in P. s. 11. 1Ps सुवि, पञ्चविउ 2 This Pada is wanting in A. 3Ps मारुइ. 4 A सच्च. 5 Ps जे (s. जि) कलहे वि दसाणणं. 6 Ps अण्णु. 7Ps विवज्जणो. 8Ps वयण'. 9A पडवण. 10 A हलहरसं. 11 s रावणं. 12 Ps एयारहसमु, A एयारहमुह. - Jain Education International [१०] १ राज्यसमूहस्य २ राममन्त्रिणा. ३ प्रतिपद्यध्वं यूयं. ४ ( P's reading) ददाति पत्नी सीता यदि. ५ जाम्बवन्त नामेदम्. ६ किं आपदा नौ (?) (ef. s's reading). ७ भेद्यते. ८ लङ्काप्रवेशवाञ्छ्कस्य रामस्य. [११] १ जल्पितः हनूमन्तः २ मदनस्योत्कृष्टो (?) मा लक्ष्मी -तस्या रुचिर्यस्य ३ देवेन्द्र हिंसकेन. ४ परित्यक्त-वाक्य(? क्)च्छलः. ५ रागेन. ६ मङ्गलः For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
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