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क० ३,५–९; ४, १-१०; ५, १-२ ]
अवर वि कुमार दिढ़- कढिण-देह स- विमाण पयट्ट ङ्गणेण
णं जुग-खऍ हुअवहु चन्द-सूर जोयन्तं चउद्दिसु महि समत्त
•
छत्त - चिन्ध - सिग्गिरि - गियरु णं विवाह मण्डवु विठ्ठलु
तोहें पेक्खवि आगमणु ताहँ वेय-निवासिय साणुराय सहुँ तेहिँ मिलेंवि कञ्चणरहासु जहिँ गाढ णिविड वहु मञ्च वद्ध जहिं णरवर पडिय बहु-वियार खणें लेन्ति अणेयइँ भूसणाइँ जहिँ सुब्बइ वीणा-वेणु-सहु
महरु के वि गायन्ति गेउ तहिं ते कुमार सयल वि पइट्ठ
-
णिय- रूवो हामिय-मयण माणुस - वेसें धरणि यलें
तो रुव-पसण्ण णिरुवम-सोहग्गउ मणि-विमल कयासों णव-कमल-दलच्छिउ
स-विसेसें 'भलिब
उत्तरकण्ड - छायासीमो संधि [२५१ अवरोप्यरु परिर्वड्डिय-सणे ॥ ५ परिवेदिय - विज्जाहर - गणेण ॥ ६ सणि-कण -- गुरु-राहु कूर ॥ ७ तं ञ्चथाणु aण पत्त ॥ ८
॥ घत्ता ॥
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दीसइ पुरें कुमार - सङ्घाएं । णिम्मिड लवणसहँ विहाएं ॥ ९
[ ४ ]
दससुन्दण-णन्दण- णन्दणाहं ॥ १ अहिमुह विज्जाहर सयल आय ॥ २ गय समुह सयम्वर- मण्डवासु ॥ ३ णावर सक्कई- कय कव्व-वन्ध ॥ ४ खणें गलें वन्धन्ति मुयन्ति हार ॥ ५ च - दिसु जोयन्ति नियंसणाइँ ॥ ६ पडु-पडह-मुरव-रुञ्जा- णिणहु ॥ ७ अइ सु-सरु सुहावर्डे विविह-भेउ ॥ ८ णाणा- मणिमय-मञ्चहिँ णिविट्ठ ॥ ९ ॥ घत्ता ॥
3. 1P $ परिवेदिय 4. 1r has सकयकवि. 5. 1P ° उं. 2 P उं, s°ओ. 3 Ps. ing in P A.
6 PSA इ.
सोलह-आहरणालङ्करिया ।
अमर कुमार णाइँ अवयरिया ॥ १० [५] वेण्णि विकण्णउ'
करिणि वेलग्गड
णियय- णिवासहों सरसई-लच्छिउ दुइ भलि
2s °ति. 3 Ps° सग्गिरि°
2 A णिया . 3 p.
- साह |
जण-मण- विन्धणउ ॥ १
सुह-दिणें णिग्गयउँ ।
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इँ समाय ॥ २
लिय ।
म
4 A 3.
4Ps लु.
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२ बुधः.
३ शुक्रः (?). ४ मंगल ( ? ).
[४] १ (T's variant ) संस्कृतकविः.
[५] १ हस्तिन्याः चटितायै ( ? ). २ सवितर्केण मदनेन. ३ शोभितः (?).
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