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________________ २९] सयम्भुकिउ पउमञ्चरिउ [क.७१- ९१-९ [७] णहें णिऍवि सया रवि अत्थमि जो पालइ जीउ अणथमिउँ ॥१ सो पावइ मणहर देव-गइ सुहु भुञ्जइ होऍवि अमर-वइ ॥२ अणुअत्तवि उत्तमु कुलु लहइ पुणु अट्ठ वि कम्मइँ णिड्डहइ ॥ ३ 5 णिसि-भोज्जु ण छण्डिउ जेण पुणु तहाँ भवें भवें दुक्खु अणन्त-गुणु ॥४ अल्लल्ल-मंसु तें भक्खियर तें पिय मइरा मह चक्खियउ॥५ तें पञ्चवरइ मि खद्धाइँ ॥६ ते वयणु असच जम्पियर्ड तें अण्णहों तगउँ दन्नु हियउ ॥ ७ तें सुट्ट णिरन्तर हिंस किय पर-णारि वि तें णिरुत्तु लइय ॥८ ॥ घत्ता ॥ अहवइ किं वहुएं चविऍण एउ जे मूलु सर्बु वयहँ । में होन्तें होइ समीर्वउ मोक्खु वि भव्व-जीव-सयहँ" ॥९ [८] रिसि-वयणे विमुक्क-मिच्छत्तें लइयई अणुवयाइँ धणदत्तें ॥१ 15 गउ तेत्थहाँ वि गएण तमाले भवि महीयलें वहवें कालें ॥२ समजे समाहिएँ मरणु पवण्णउ पुणु सोहम्में देउ उप्पण्णउँ ॥३ तहिँ वे सायराइँ णिवसेविणु किं पि सेसे थिएँ पुण्णे चवेप्पिणु ॥ ४ . जाउ महा-पुर वहु-धण-जुत्तउ छत्तच्छाय-णरेसर-भत्तउ ॥ ५ पहु पिययम सिरिदत्तालङ्किय पर-पुरवर-णर-णियरासङ्किय ॥ ६ अधारिणि-मेरु-वणीसहँ तणुरुहु णामें पङ्कयरुइ पङ्कय-मुहु ॥७ एकहि दिणे स-तुरङ्गु पयट्टउ गो? पलोऍवि पडिपल्लट्टउ ॥ ८ ॥ पत्ता ॥ तावग्गएँ महिहें णिसण्ण तुहिणगिरिन्दु व णिरु धवलु । पुण्णाउसु पाणकन्तउ दीसइ एक्कु जुण्ण-धवलु ॥९ . ... 7. 1 P s °यउ. 2 5 °यउ. 3 PS मुंजेवि. 4 PS लिंव. 5 Pउं. 6 PA 3. 78°व. 8 P S °य. 8. 1 Pउ. 2 A °म्मेंदउ. 3 P A °3. 4 PS A °हि. 5 P 3 °उं. [८] १ अन्धकार. २ नामेदम्. ३ वृद्धवृषभः. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
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