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णिऍवि जुवाण-भाव सयलामल-कुल-णहयल-मियङ्क रण-भर-धुर-घोरिय धीर - खन्ध
धर-धारण दुद्धर-धर-धरिन्द परिरक्खिय - सामिय सरण- मित्त 10 भू-भूसण भुवणाभरण-भाव रामाहिराम रामाणुसरिस पैर-पवर - पुरञ्जय जणिय-तीस '
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२१०] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
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[ ८२. बासीमो संधि ]
ससहर-चक्कङ्किणीमहुँ ।
सुरवर- डामर- डामरेंहिँ भिडियां आहवें वे वि जण लवणङ्कुस लक्खण- रामहुँ ॥
लवणङ्कुस
पट्टविय महन्ता तेण तासु 'दे देहि अयम- तणिय वाल दू व दूमिरिन्दु
'कुल- सील- कित्ति-परिवज्जियाहँ' ग दूर दुरक्खर - दूमियङ्क लवणस मामों कहिउ तेव तं वयणु सुणेपिणु लइय खेरि उक्खन्धे उपरि चलिङ तासु
माणुस - सें अवयव
'कि परिणाम जमल-मइ'
ताव राहि वग्घरहु जलहर खीले वि सुक्कु जिह
[१]
कलि- कवलण कलिय- कला - कैलाव ॥ १ णं अँरि-करि-केसरि मुक्क-सङ्कः ॥ २ गुण-गण-गणालि णं 'सेउ-वन्ध ॥ ३ वन्दिय-जिणिन्द- चरणारविन्द ॥ ४ वन्दिग् गोग्गहें किय-परित ॥ ५ दस - दिसि - पत्त - णिग्गय-पयाव ॥ ६ जॅण-जाणइ-जणणहँ जणिय - हरिस ॥ ७ मुह-चन्द- चन्दिमा - धवलिया ॥ ८
॥ घन्ता ॥
वे भायाइँ थिय कामहो । उप्पण्ण चिन्त मण मामहों ॥ ९ [२]
पिहिमी - पुरवरें' 'पहु-पेहु पासु ॥ १ कमणीय - किसोर कणयमाल ॥ २ णं फुरिय-फणामणि थिउ फणिन्दु ॥ ३ को कण्णउ देइ अलज्जियाहँ" ॥ ४ णं दण्ड-घाय घाइउ-भुअङ्गु ॥ ५ 'पिहु-राएं दुहिय ण दिष्ण जेव ॥ ६ देवावि लहु सण्णा - भेरि ॥ ७ पिहिमी - पुरवर - परमेसरासु ॥ ८
॥ घत्ता ॥
पिहु-पक्खिर रण-महि मण्डेवि । थि अग्गऍ जुज्झु समोšवि ॥ ९
२ समूह.
[१] १ यमः. ७ लोक - सीता-राम- त्रयाणां च.
[२] १ पृथुनामराजा.
[क० १, १९, २,१-९
1. 1Ps मेहिं. 2Ps °याहवे विहिं (s ° हि ) वे वि. 3PS उरु. 4 Ps गणणइ. Ps. 6 PAणाइ, s इ. 7s °य. 8PS परिणाविय.
2. 1P sर. 2 P s fu°.
3 P°णेहिं, s हि. 4 Ps ° हो. 5 Ps संगाम'.
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३ (v. 1. उरु ) गरिष्ट. ४ पानिबंध ५ रक्षा. ६ रामसदृश. ८ हर्षोत्पादकाः ९ शत्रुरपुरोपार्जको
१० दिसाः ..
२
राजपार्श्वे. ३ मनोज्ञ. ४ गृहीत कंदलं.
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