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१७८] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
..[क० २,४-९,३,३-८४, १-२ तहाँ जहिँ जहिँ कहि मि दिहि रमइ तहिँ तहिँ णं मइयवट्ट भमइ ॥४ के वि गिलइ गिलेंवि के वि उग्गिलइ काहि(?) मि जम्भावसाणे मिलइ ॥५ के वि णरय-विलहिँ पइसेंवि गसइ काहि(?) वि अणुलग्गउ जे वसइ ॥६ के वि कड्डइ सग्गहों वरि चढेंवि के वि खयहों णेइ उप्परे पडेंवि ॥ ७ 5 के वि घारइ घोरएँ 'पाव-विसेंण' के वि भक्खड़ णाणाविह-मिसेंण ॥ ८
॥ घत्ता ॥ . तहों को वि ण चुक्कइ भुक्खियहाँ काल-भुअङ्गहों दूसहहों। जिण-वयण-रसायणु लहु पियहाँ जे अजरामरु पउ लहहों ॥ ९
[३]
" जइ काल-भुअङ्गु ण उवडसइ तो किं सुरवइ सग्गहों खसंइ ॥ १ कहिँ रावणु सुरवर-डमर-कर दस-कन्धरु दस-मुह वीस-करु ॥२ वहुरूविणि जसु पेसणु करइ जसु णामें तिहुयणु थरहरइ ॥३ जसु चन्दु ण णहयले तवइ रवि जमु तलवरु वत्थई धुवइ हवि ॥४
जसु पङ्गणु वोहारइ पवणु कोसाणुपालु जसु वइसवणु ॥५ 15 घण छडउ देन्ति सरसइ झुणइ जर्स वणसई पुप्फच्चणु कुणइ ॥६ सा सम्पय गय कहिँ रावणहों कहिँ रावणु कहिँ सुहु' परियणहों ॥७
॥ पत्ता॥ अम्ह वि तुम्ह वि अवरह मि सव्वइँ एकहिँ मिलियाइँ । पेक्खेसहुँ काल-भुअङ्गमण' अज व कल्ल व गिलियाइँ ॥ ८
[४] 20 सो काल-भुअङ्गमु दुब्बिसहो' अण्णु वि' विसमउ परिवार तहों ।। १
अच्छइ परिवेढिउ सप्पिणिहिँ विहिं ओसप्पिणि-अवसप्पिणिहिँ ॥२
4 s गिलइ. 5A omits the rest of the line 5. 6 s °णि. 7 s च°. 8 s थोरइ, A घोरई. 9 A °रसेण.
3. 2 A षडइ. 3 5 उवहारइ. 4 दिति, A देत्ति. 5A वसुमइ. 6 5 A °हि. 7 सहु, A सुहुं. 8 A इ. 9 A °मसेण.
4. 1 s °हु, A °हुं. 2 s °हे, A °हुं. 3 s °हि, A °हो. 4 s A °हि. ३ पापविषेन.
[३] १ वैश्वांद(न)रः. २ धनदः. [४] १T विषमः साहङ्कारः.
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