SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 236
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७६] सयम्भुकिङ पउमचरिउ चमरइँ ताइँ ताइँ धय-दण्डइँ ते जि तुरङ्ग ते जि गय सन्दण ते जि असेस भिच्च हियइच्छा सा तुहुँ सा जें लङ्क परमेस रि • तं णिसुणेवि पवोलि रावणि 'लच्छि कुमारि व चञ्चल-चित्ती 10 पहु मइँ कलऍ सहुँ परिवारेंण 'तं णिसुर्णेवि णीसामेण साहुकार रावण एम भवि जयलच्छि णिवासहों परिहावियइँ 'दुकूलइँ वत्थइँ 1s परिहावियउ दसाणण-पत्तिउ उर- विहु समउ 'लय-मग्गे अङ्गुत्थलियड वन्तणि- सोहेंहिं (?) सहँ केरालिङ्गण-भावेंहिं मणि - कुण्डलइँ समउ तणु-तेऍहिँ 20 लुहिय हिय (?) तिलय सहुँ मानेंहिं एव विमुक्क णवरण मुक्कइँ [क० १९, ४ - १०:२०, १-१० रयण - णिहाणइँ' वसुह-ति-खण्डइँ ॥ ४ ते जि तुहारा सलं वि णन्दण ॥ ५ तेज राहिव आण - वडिच्छा ॥ ६ इन्दइ भुञ्जउ सयल वसुन्धरि' ॥ ७ विजाहर- कुमार- चूडामणि ॥ ८ किह भुमि जा ताएं भुत्ती ॥ ९ ॥ घत्ता ॥ [१९] १ इन्द्रजित् [२०] १ पट्टवस्त्राणि २ कला. Jain Education International L स-स-परिवार करेar | पाणि - पत्ते आहारु लएवर' ॥ १० [२०] पुल वहन्ते रामेण । 'होहि भव-चूडामणि' ॥ १ सबइँ णियइँ पियय आवासों ॥ २ वायरणइँ व लद्ध- सद्दत्थइँ ॥ ३ सहु उहिँ विमुक पोत्तिउ ॥ ४ रसणा-दामइँ सहुँ सोहग्गे ॥ ५ चूडा-वन्ध समउ घर -मोहेंहिं ॥ ६ कण्ठा कण्ठ-ग्गहण -सहावहिं ॥ ७ वर- कण्णावयंस सहुँ गेऍ हिँ ॥ ८ चूडामणि पिय-पणय-पणामहिं ॥ ९ ॥ घत्ता ॥ विसय- सुहेहिं समउ मणि- रयणहूँ । दिढइँ स ई भु एण गुरु-वयणइँ ॥ १० जुज्झकंडं समाप्तम् ॥ 4 sA°इ. 5s ° खंडइ, 4 ° खेडइ. 6 4 °य. 7 A च्छंजमि. 8 A एहु. 20. 1s reads दुबई in the beginning. 2s ° नाइ, A ° इ. 4 A केजरा° 5s °तेयहि, 4 °तेयहिं. 6s ° गेयहि, A गेहुं. 7SA माणि° 9 s. 10 Wanting in A. For Private & Personal Use Only 3 sa 8 SA°इ. www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy