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के० १७, १०, ५८, १-१०; १९, १-३] जुज्झकण्डं-सत्तसत्तरिमो संधि [१७५
॥ पत्ता ॥ लोयाचारण
पाणिउ दिण्णु दसाणण-वीरहाँ । अञ्जलि-उडेंहिँ व पर घिवन्ति लायण्णु सरीरहों ॥ १० ।
[१८] अह दहमुह पियइतिहें मुच्छावियएँ (?) धरित्तिहें।
'पञ्चुज्जीविय-अत्रे सलिलु घिवन्ति व मत्थएँ ॥१ अहवइ वसुमईऍ जं दिण्णउ सोक्खु असेसु वि आसि उछिण्णउ ॥२ तं पहु पच्छऍ मग्गिजन्त दिन्ति णाई वेवन्त-रुवन्तइँ॥३ पुणु वि पडीवई वुड्डइँ सरवरें। णं पाविट्ठ िणरयन्भन्तरें ॥४ । पुणु णीसरियइँ सरहों रउद्दों णं भवियइँ संसार-समुद्दहाँ ॥ ५ जलु' लायण्णु णा मेल्लन्ल. णं तिवलीउ तरङ्गहुँ देन्त ॥ ६ वड्डिम सरहों मरालहुँ थिर-गइ चक्कवाल-जुवलहुँ थण-सङ्गइ ॥७ मुह-अणुराउ रत्त-अरविन्दहुँ महु आलावउ महुअर-विन्दहुँ॥८ वत्त-सोह सयवत्त-सहासहुँ णयण-च्छवि कुवलयहुँ असेसहुँ ॥ ९
।। घत्ता ।। णीरु तरेप्पिणु जुअइ-सहासइँ साइउ दिन्ति । पीलेंवि पीलेंवि" कलुणु महा-रसु णाई लइन्ति ॥ १०
[१९] ताव विहीसण-णामें किय-दूरहों जि पणामें ।
लायण्णम्भ-महासरि धीरिय लङ्क-पुरेसरि ॥१ 'वाल-मराल-लील-गइ-गामिणि अज वि रज्जु तुहारउ सामिणि ॥२ सोहउ तं जें तुहारउ पेसणु छत्तइँ ताई तं जि सीहासणु ॥३ 8 s पहु, A सरि. 9 s A °ण्ण.
18. 1 A °अइ. 2 S A °हो. 3 A °वति. 4 A °उं. 5s उच्छिण्णओ, A उच्छिण्णउं. 6 SA °इ. 7 S जले. 8 A आलावणउं. 9 s A पीलिवि. 10 s पीलिवि, A उपीलिवि. 11 s लिंति, • 19. 1 s reads दुवई in the beginning. 2 s °षणुब्भ'. 3 A .
[१७] १ Treads समुक्किय and glosses it as सम्यक्प्रकारेण कृतः. 1 2 T reads अवसेसहु and glosses it as अवशेषस्य. [१८] 1 १ पाश्चात्य (१).
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