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१६८] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
'मेलावियइँ भडारा कटुइँ कामिणि- जोव्वणइँ' व जण घट्टइँ वइरि-कुलाइँ' व उक्खय-मूलइँ तं सुवि विणिग्गय - णामें
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जेण तुप्पिणु सो विहि-छन्देण
उच्चाइएँ दसाणण भीसणु विविह-पयारउ केली-वण उच्छु-वण- समाणइँ
धय थरहरिय मसाण भएण व
तूरइँ हयइँ पुव्व वइरा इव चमर पाडियाइँ चित्ताइँ' व
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फाडियाइँ दोहाइँ' व 'णेत्तइँ चूरियाइँ' खल-मुहइँ' व रयणइँ आएं मरणावत्थ-विहोएं णिउ मसाणु सुरवर-सन्तावणु
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जो परिचडिड
सो पुण्ण-क्खऍ
अट्ठावय- कम्पावर्णे 'सालङ्कारु स-णेउरु
[ क०५, ६- १०, ६, १–१०, ७, १
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'दुकुर- दाणाइँ [व] कट्ठइँ ॥ ६ कुकुडुम्बा व थाणों भट्ठइँ ॥ ७ वाइ- पुरिस - चित्ताइँ व थूलइँ' ॥ ८ उच्चलावि राम रामें ॥ ९
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॥ घत्ता ॥
किउ कलासु समुण्णई- भग्गउ | सामण्णहि मि तुलिज्जइ लग्गउ ॥ १०
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सो पर्वडिउ परियणै ।
उउ हाहाकार ॥ १
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खलइँ' व उद्धइँ थियइँ' विताणइँ ॥ २ पूरिय सङ्घ बन्धु दुक्खेणं व ॥ ३ वद्धइँ तोरणाइँ चोरा इव ॥ ४ घित्त पण्णइँ कु- कलत्ताइँ व ॥ ५ धरियइँ 'संगहणाइँ' व छत्तइँ ॥ ६ खुद्धेइँ सङ्घ-उलाइँ' व वयणइँ ॥ ७ कलुणक्कंन्दु करतें लोएं ॥ ८ विरइड सलु वइसारिउ रावणु ॥ ९
॥ घत्ता ॥
सयल-काल कामिणि-थण - वट्टे हँ । . पेक्खु केम पहु पेर्लिंड कडेंहिं ॥ १० [ ७ ]
चियऍ चडाविऍ रावणें । मुच्छाव अन्तेउरु || १
4 This pāda is wanting in A 5s इ. 6s थाणा 7s चाइ 8 sA°ए. 6. 1 A पवट्टिउ 2sA°इ. 3s खुदइ, A खुद्द 4s °णकं°, A णुकं° 5 A ° वहूं संताणु. 64 °ड्डियउ 7s मेल्लिउ.
३ वादी- पुरुष - चित्त इव.
[६] r १ वस्त्रविशेषः २ पुंश्चल - स्त्री-पुरुष युगलानामिव.
7. 1 s °fax. 2 For this latter half a reads भीसणु विविहपयारउ उट्टिउ हाहायारउ (i. e. the same as 7761b ) and after this it reads the following extra Yamaka : सालंकारु सदोरु सणेवरु | मुच्छाविउ रामणअंते उरु.
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