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१५६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ स-विलक्खु रक्खु सयमेव थक्कु पेलयक-सम-प्पहु लेइउ चक्कु ॥३ परिरक्खणु जक्ख-सहासु जासु विसहर-णर-सुरवर-जंणिय-तासु ॥४ दुद्दरिसणु भीसणु णिसिय-धारु । मुत्ताहल-माला-मालियारु ॥५ स-कुसुम-चन्दण-चञ्चिक्कियंगु णिय-णासु णाई दरिसिउ रहङ्गु ॥ ६ तं णिऍवि णढ णहें सुरवरा वि ओसरेंवि दूरे थिय वाणरा वि ॥७ तो वुत्तु कुमार णिसियरिन्दु 'पइँ जेण पयावें धरिउ इन्दु ॥८ लइ तेण पयावें दुट्ठ-भाव मुऐ चक्कु चिरावहि काइँ पाव' ॥९
॥ धत्ता ॥ दुव्वयणुद्दीविऍ' दहमुहॅण करें रहनु उग्गामियउँ । णहे तेण भमाडिज्जन्तऍण जगु में सव्वु णं भामियां ॥१०
॥ दुवई ॥ तो लच्छीहरेण छिण्णणहिँ समारम्भिउँ रहङ्गत्यं । ।
तीरिय-तोमरेहिँ णाराऍहिँ तहों वि वला समागयं ॥ १ 'रिउ-कर-विमुक्कु मण-पवण-वेउ घण-घोर-घोसु पलयग्गि-तेउ ॥२ 15 रणे धरेवि ण सकिउ लक्खणेण पहणन्ति असेस वि तक्खणेण ॥३
सुग्गीवु गएं राहउ हलेण सूलेण विहीसणु पच्चलेण ॥४ भामण्डलु पत्तल-असिवरेण हणुवन्तु महन्ते मोग्गरेण ॥ ५ अङ्गउ तिक्खेंण कुट्ठारएण णलु चकें वइरि-वियारणेण ॥ ६
जम्वउ झसेण फलिहेण णीलु कणएण विराहिउ विसम-सीलु ॥ ७ 2. कुन्तेण कुन्दु' दहिमुहु घणेण केण वि ण णिवारिउ पहरणेण ॥ ८
भञ्जन्तु असेसाउह-सयाइँ णं तुहिणु दहन्तु सरोरुहाइँ ॥९ परिभमि ति-वारउ तरल-तुङ्गणं मेरुहें पासेंहि भाणु-विम्वु ॥ १०
॥ घत्ता ॥ जं अण्ण-भवन्तरे अज्जियउं तं अप्पणहि(?) समावडिउ । 25 आणा-विहेउ सु-कलत्तु जिह चक्कु कुमारहों करें चडिउ ॥ ११
2 P °णिय corrected as °णियर. 3 PS °सचंदण'. 4 P °चच्चिकिअंगु, 8 °चच्चियंगु. 5 P S A °इ. 6 A सरिवि. 7 Pए. 8 P दस. 9 A उं.
21. 1 A छिंद. 2 PS वलस्स मग्गयं. 3 Ps रे. 4 Ps वें. 5 P S गय, A गयं. 6 1 S कुठा. 7 P कुंतु दहमुह. 8 P डुहंतु, S A दहंतें. 9 SA सरु. 10 A °उं. 11 P अप्पणु to which goo is added marginally. २ प्रलयकालसूर्यवत्. ३ तीक्ष्ण, ४ मालासहित आरा यस्य.
[२१] १ रामणहस्तविमुक्तः, २ कमलानि.
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