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क० ११, १-१०; १२, १-९] . जुज्झकण्डं-पंचहत्तरिमो संधि [१५१
[११] ॥ दुवई ॥ णवर दसाणणेण वामोहु तमोहुँ सरो विसजिओ ।
सो वि वलुंडुरेण रामेण पयंग-सरेण णिजिओं ॥१ रामणेण विसजिऊ कुलिस-दण्ड सॉ वि रामें किउ सय-खण्ड-खण्डु ॥ २ रामणेण समाहउ पायवेण सो वि भग्गु महत्थें वायवेण ॥३ ॥ रामणेण विसजिउ गिरि विचित्तुं पो वि रामें वलि जिह दिसहिँ चित्तु ॥ ४ अग्गेउ मुक्कु दस-कन्धरेण उल्हाघिन सो वि वारुण-सरेण ॥५ रामणेण विसज्जिउ पण्णयत्थु सों वि गारुड-वाणेहिँ किउ णिरत्थु ॥६ रामणेण 'गयाणण-सर विमुक्त ताह मि' पल-वाण-मइन्द ढुक्क ॥ ७ रामणेण विसजिउ सायरत्थु तं मन्दर-घाएं णिउ णिरत्थु ॥ ८ ॥ जं जं आमेल्लइ णिसियरिन्दु ...तं तं वि णिवारइ रामचन्दु ॥९
॥ घत्ता ॥ रणे रामण-राम-सरेंहिँ वलइँ समर-भूमि मेल्लावियइँ । दुप्पुत्तहिँ जिह पहवन्तऍहिँ उहय-कुलइँ संतवियइँ ॥ १०
[१२] ॥ दुवई ॥ विणि वि सुद्ध-वंस रयणासव-दसरह-जेट्ठ-णन्दणा ।
विणि वि दिण्ण-सङ्घ करि-केसरि-जोत्तिय-पवर-सन्दणा ॥ १ विहिँ हत्थेहिँ पहरइ रामचन्दु वीसहिँ भुव-दण्डैहिँ णिसियरिन्दु ॥२ अ-पवाण वाण राहवहों तो वि जजरिय लङ्क रयणायरो वि ॥ ३ छाइज्जइ गयणु चडन्तएहिँ अखलिय-सर-महि-णिवडन्तएहिं ॥४ 20 'वाएवउ. चत्तु पहाणेण रहु खञ्चिउ अदितिहे' णन्दणेण ॥ ५ दिस-करिहुँ असेसहुं गलिउ गाउ हल्लोहलिहूअउ जगु जे साउ ॥ ६ भिजन्ति वलइँ जलें जलयरा वि ण णट्ठ देव थलें थलयरा वि ॥ ७ सो ण वि गयवरु सो ण वि तुरङ्गु सो ण वि रहवर तण्ण वि रहनु ॥ ८ सो ण वि धउ तण्ण वि आयवत्तु जहिँ राम-सरहँ सउ सउ ण पत्तु ॥ ९ 23 ___ 11. 1 P वम्मेह, s वम्मोह. 2 P तम्मोहु. 3 P S A °उ. 4 P A वल', S वलुद्ध. 5 PSA °खंडु खंडु. 6 PS °णु सरु विमुकु. 7 S तासु इ. 8 Ps वलु. 9 PS °दु दुक्कु. 10 P omits this pada. 11 A संभा'. 12. 1 PS अदिहिहे. 2 P जलई, s जलइ. [११] १ ' गजमुखवाणाः . २ समुद्र (?). [१२] १ गमनक्रिया. २ । सूर्येण. ३ सर्वम्.
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