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क० १३, १-१०, १४, १-७]
जुज्झकण्डं-चउसत्तरिमो संधि [१४१ जाउ सुटु समरङ्गणु दूसंचारउ ।
तहि मि के वि पहरन्ति स-साहुक्कारउ ॥ १ केहि मि करि-कुम्भई परमट्ठई णं सङ्गाम-सिरिहें थणवट्टई ॥२ केहि मि लइयइँ गर-सिर-पवर णं जयलच्छि -वरङ्गण-चमर ॥ ३ केहि मि हिय वला ' रिउ-छत्तइँ णं जयसिरि-लीला-सर्यवत्तइँ ॥४ केहि मि चक्खु-पसंरु अलहन्ते पहरिउ वालालुञ्चि करन्तेंहिँ ॥ ५ केण वि खग्ग-लट्ठि परियड्डिय रण-रक्खसहाँ जीह णं कड्डिय ॥६ केण वि करि-कुम्भत्थलु फाडिउ णं रण-भवण-वारु उग्घाडिउ ॥ ७ कत्थइ मुसुमूरिय असि-धारेंहिँ मोत्तिय-दन्तुरु हसियउ अहरहिँ ॥८ कत्थई रुहिर-पवाहिणि धावइ जाउ महाहउ पाउसु णावइ ॥ ९ ॥
॥ घत्ता ॥ सोणिय-जल-पहरणनिगरऍहिँ वसुहन्तराल-णहयल-गऍहिँ । पजलइ वलइ धूमाइ रणु णं जुग-खय-काले काल-वयणु ॥ १०
[१४]
ताव रण-रउ भुवणु मइलन्तु । रवि-मण्डलु पइसरइ तहिँ मि सूर-कर-णियर-तत्तउ । पडिखलेंवि दिसामुहॅहिँ सुढिय-गत्तु णावइ णियत्तउ ॥
सुर-मुहाइँ अ-लहन्तउ थिउ हेट्ठामुहुँ ।
पलय-धूमकेउ व धूमन्त-दिसामुहुँ ॥ १ लक्खिजइ पल्लट्टन्तु रेणु रण-वसहहों णं रोमन्थ-फेणु ॥ २ ॥ सोमित्तिहें रामहो रावणासु णं सुरेंहिँ विसजिउ कुसुम-वासु ॥ ३ रणएविहें णं सुरवहु-जणेण धूमोहु दिण्णु णह-भायणेण ॥४ सर-णियर-णिरन्तर-जज्जरङ्ग णं धूलिहोवि णहु पडहुँ लग्गु ॥ ५ सयमेव सूर-कर-खेइउ व्व .तिसिउ व्व सु१ पासेइउ व्व ॥६ जलु पियइ व गय-मय-दहें अथाहे हाइ व" सोणिय-वाहिणि-पवाहें ॥ ७ ॥ 3 After this word P marginally adds दुस्सह. 4 P°उं. 5 P°रलं, A साहुंका. 6 P लइयए, S.लइयइ. 7 PS परवल°. 8 P पाडिउ.
14. 1 P णिअत्तउ, s णियंतउ, A णित्तउ. 2 P °सुहाइं. 3 P A हुँ. 4 PA रणु. 5 P S A हि. 6 PS णहे. 7 PS सरणियर, P marginally noting the reading सयमेव. 8 P SA °य. 9 Wanting in A. 10s °देहे. 11 P हाइउ, 8 पहायउ, '
[१३] १ नदी. [१४] १ संग्रामवृषभस्य वग्गोण(?ल)-फेणम्.
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