________________
क० ७, १–१०; ८, १ - ७]
वाहु-दण्ड विहुणेपिणु रणें दुल्ललियऍणं । पहरणाइँ परिगीढइँ रहसुच्छलियऍणं ॥ १ पहिलऍ करें धणुहरु सरु वीयऍ उत्थऍप में अंड्डुउ
अट्टम चित्तं दण्डु णवमऍ• हलु भीसणु भिण्डिमालु वारहमऍ पत्तु महन्तु को चउदहमऍ सोलहमऍ तिसूलु अइ. भीसणु
अट्ठारहमऍ मोग्गरु दारुणु वीसमए मुसढि उग्गामिङ
जुज्झकण्ड - चउसत्तरिमो संधि [ १३७
·
॥ घन्ता ॥
10
वीहि मि" अ ( दण्डे ) हिं बी साउहेंहिं सहि" मि भिउडि-भयङ्कर-मुहेंहिं ।
भीसावणु रावणु जाउ किह
पढम-वयणु खय-सूर-सम-पहु वीय वयणु धवलु धवलच्छ तय ब्रणु भुवर्ण- भयगारर्ड वयणु चत्थर्ड वुह मुह-भासुरु छट्ठर्ड सुकु सुक्क सङ्कास सत्तम कसणु सणिच्छर भीसणु
.
गयहुँ 'कयन्त गयासणि तइयऍ ॥ २ छड़ें" असि सत्तमें वसुणन्दउ ॥ ३ झसु दसमेयारसमऍ संव्वल ॥ ४ चक्कु अस' थक्कु तेरहमऍ ॥ ५ सत्ति भयङ्कर पण्णारहमऍ ॥ ६ सत्तारहमऍ कणउ दुद रिसणु ॥ ७ गुणवीस 'घणु घुसणारुणु ॥ ८ कालें काल-दण्डु णं भामिउ ॥ ९
Jain Education International
सहुँ गहिँ कर्येन्तु विरुद्धु जिह ॥ १० [4]
दहिँ कण्ठेहिँ दस जें कण्ठाइँ ।
दस-भाहिँ तिलय दस दहि मि कुण्डल - जुऍहिँ फुरिउ रयण-सङ्घाउ दसाणण- रोख व । अह थिओ स-तारायणु वहल - पओसु व ॥ १
दस - सिरेहिं दस मउड पजलिये । कण्ण-जुअल सुकउल (?) - मुहलिय ॥
4PS लिए. 5 s °लिए. 6 PSA छट्ठि. 7 A सत्ति 10 Wanting in A. 11 This pāda is wanting in A विरुद्ध कयंतु.
8. 1 P 8 पज्जलिय. 2 P ° जुवल corrected as जुअल, s जुयल. 3P दसासण, दास. 4 P थिउ, s थिय, A थियो. 5A 'उं. 6 A वचलच्छउं 7 P भुक्षण, S वयण'. 8A भुयंगारउ. 9PS सुक्क. 10 P SA°रु.11 Ps 'डु.
सिन्दूरारुणु सुरह मि दूसहु ॥ २ पुण्णम-यन्द - विम्व - सारिच्छउँ ॥ ३ अङ्गारारुणु मुक्कङ्गारउं ॥ ४ पञ्चमेण सइँ जें णं सुर-गुरु ॥ ५ दाव-वक्ख सुर-सन्तास ॥ ६ दन्तुरु वियर्डे - दाढु दुद्दरिसणु ॥ ७
[७] १ 'गयंत' अवसाने प्राप्ता । 'कयंत' इति पाठे कृतः अन्तः इत्यर्थः । २r प्रहरणविशेषौ . ३ मुद्गर आयुधः. •
पउ० च० १८
8Ps अलक्कु 9PS कुंतु. 12Ps दसिहि.
13 A
For Private & Personal Use Only
5
10
15
20
25
www.jainelibrary.org