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क.११,९, १२,१-९,१३,१.
जुज्झकण्डं-तिसत्तरिमो संधि [१३१
॥ धत्ता॥ जहिँ ससहरु सहि जोण्ह जहि परम-धम्मु तहिँ जीव-दय । जहिं राहवु तहिँ सीय' सा एम भणेप्पिणु मुच्छ गय ॥९
[१२] मुच्छ णिएप्पिणु बहुवइ घरिणिहें करि ओसरिउ व पासहों करिणिहें ॥१॥ 'धिद्धिगत्थु परयारु असारउ दुग्गइ-गमणु सुगइ-विणिवारउ ॥२ म. पावेण काइँ किउ एहउ. जे विच्छोइड मिहुणु स-णेहउँ ॥३ को वि ण मइँ सरिसउ विरुवारउ दूहउ दुम्मुहु दुक्किय-गारउ ॥४ दुजणु दुडु दुरासु दुलक्खणु कु-पुरिसु मन्द-भग्गु अ-वियक्खणु ॥५ दुग्णयवन्तु विणय-परिवजिउ दुच्चारित्तु कु-सीलु अ-लजिउ ॥
६ ० णिद्दउ पर-कलत्त-सन्तावउ वरि जलयरु थलयरु वण-सावउ ॥ ७ वरि पसु वरि विहङ्गु किमि कीडउ णउ अम्हारिसु जग-परिपीडउ ॥८
॥ घत्ता॥ वरि तिणु वरि पाणुि वरि लोह-पिण्डु वरि सुक्क-तरु । णउ णिग्गुणु वय-हीणु माणुसु उप्पण्णु महीहें भरु ॥९
[१३] अहों अहाँ 'दारा परिभव-गारा कयलि व सव्वाङ्गिउ णीसारा ॥१ चालणि व्व केवलं मल-गाहिणि सरि व कुडिल हेट्ठामुह-वाहिणि ॥२ पाउस-कुहिणि व दूसञ्चारिणि कुमुइणि व्व गहवइ-उवगारिणि ॥३ कमलिणि व्व पङ्केण ण मुच्चइ मणु दारेइ दार तें वुच्चइ ॥४ वेणिय वणेइ सरीरु समत्तउ गणिय गणेइ असेसु विढत्तंउ ॥५ दइयों दइउ लेइ तें दइया बरु तिविहेण तेण तियमइया ॥६ धणिय घेणेइ अप्पु अवयारें जार्य जाई "णीजन्ती जारें ॥७ 6 F SA हि.
12. 1 P मिहुण, 5 मयण. 2A °3. 3 P °ारउ, s °यारउ. 4 PA अविअ', अविल. 5 P SA °कलत्तु. 6 PS किम.7 PS A पाहणु. 8 P S A °हि. ___13. 1.P's °कारा. 2 Ps समंतउ. 3 s विहत्तउ. 4 A अधणाइ अप्पवियारे. 5 जाइ. 6 P जाय, 5 जाइय.
[१३] परस्त्री. २ चालणीव. ३ ' कुमुदिनीव चंद्रः। गृहपतिः स्वगृहपतिर्वस्त्रवाहनादिकमन्यस्यापि प्राघूर्णकादेरुपभोग्यं भवति । नैव स्त्री । ४ T कईमेण. ५ ' वनितया(?) घायइ(2). ६ मणयति. ७ शुभाशुभं कर्म. ८ वैरिणी. ९ प्रीणयति पीडयति वा. १० जारेण नीयते...
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