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१३०] सयम्भुकिउ पउमारेर सुअउ ण सुअउ महारउ ढड्डसु एवहि किं करन्ति ते हरि-वल
[क०९, ७-९, १०, १-११,११,१-८ दिदु ण दिदु विउव्वण-साहसु ॥७
णल-सुग्गीव-णील-भामण्डल ॥८ ॥ घत्ता ।
ते ते महु सव्व समावड़िय । सारङ्ग व सीहहों कमें पडिय ॥ ९
अण्ण वि जे जे दुट्ठ एवहिँ कहिँ णासन्ति
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[१०] .
सीमन्तिणि मयरहरुत्तिण्णहों लहमि लीह कइद्धय-सेण्णहाँ ॥१ रामु तुहारउ जम-पहें लायमि इन्दइ कुम्भकण्णु मेल्लावमि ॥२
जो विसल्लु किउ कह वि विसल्लएँ. सो वि भिडन्तु ण चुक्कइ कल्लएँ ॥३ " जीवियास तहुँ केरी छण्डहि चडु विमाणे अप्पाणउ मण्डहि ॥४ स-रयण स-णिहि पिहिमि परिपालहि जाहुँ मेरु जिणहर. णिहालहि ॥ ५
___णन्दण-वणइँ मह-हुम महिहर ॥६ अह एत्तडउ कालु जं चुक्की तं मह वय-चारहडि गुरुक्की ॥७ जइ वि तिलोत्तिम रम्भाएवी जाण समिच्छइ सा ण लएवी ॥८ 15 वार-वार तें तइँ अब्भत्थमि दय करि अन्तेउरु अवहत्थमि ॥ ९ तुहुँ में एक महएविय वुच्चहि चामर-गोहिणीहिँ मा मुच्चहि ॥ १०
॥ घत्ता ॥ सुरवर सेव करन्तु घण छडउ दिन्तु पुरै पइसरहि । लक्खण-रामहुँ तत्ति दुव्बुद्धि व दूरे परिहरहि ॥ ११
[११] जाणेवि दुठ्ठ-कम्मु पारम्भिउ वहुरूविणि-वहु-रूव-वियम्भिउ ॥१ चिन्तिउ दसरह-णन्दण-पत्तिएँ 'लक्खण-राम जिणइ विणु भन्तिएँ ॥२ जासु इम इ एवड्डइँ चिन्ध." वहुरूविणि-वहु-रुवइँ सिद्धइँ ॥३ अण्ण ई सुरवर सेव करावियं वन्दि-विन्द कलुणइँ कन्दाविय ॥४ सो किं मइँ ण लेइ पिउ ण हणई' आसङ्केवि देवि पुणु पभणइ ॥ ५ . 'दहमुह भुवण-विणिग्गय-णामें खणु मि ण जियमि मरन्ते रामें ॥६ जेत्थु पईवु तेत्थु सिह णजइ जेथु अणङ्गु तेत्थु रइ जुज्जइ ॥७. जेत्थु सणेहु तेत्थु पणयञ्जलि जेत्थु पयङ्गु तेत्थु किरणावलि ॥ ८ .6 P S A °हि. 7 PS अण्णे. 8 A ति. 9 P SA कमि. ___ 10. 1 PS लइ लीह लुहहि. 2 A लीह स. 3 PS A °पहि: 4 PSA °आ°. 5 A °3. 6PS A इ.
11. 1 PS A जाणिवि. 2 PSA °इ. 3 P A ई. 4 PS A कराइय. 5 PBA सिहि.
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