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________________ १२८] सयम्भुकिउ पउमचारैउ [क० ५.९, ६, ७-९,७,१-५ ॥ घत्ता ॥ १ दिजइ अमियाहारु वहु-खण्ड-पयारू सुहावणउ । णावइ भरहु विसालु अण्णण्ण-महारस-दावणंउ ॥ ९ [६] । 'धूमवत्ति परिपिऍवि पहाणउ भुछेवि अण्ण-वासें थिउ राणंज ॥१ मलयरहेण पसाहिउ अप्पउँ गन्धु लयन्तु णाइँ थिउ छप्पउ ॥ २ पुणु तम्बोलु दिण्णु चउरङ्गाउ णड-वेक्खणउँ णाई वहु-रङ्गउ ॥ ३ पुणु दिण्णइँ अम्वर अमोल्लइँ जिण-चषणाई व अब्भरुहुलइँ ॥ ४ वेङ्गि-विसय-मिहुणइँ सुअन्धइँ अहोरत्ताइँ व घडिया-वन्धइँ ॥५ " मुद्धङ्गण-चित्ताइँव मउअइँ दुटुकुर-दाणा व छउअइँ ॥६. दीहइँ दुजण-दुव्वयणाई व पिहुलइँ गङ्गा-णइ-पुलिणाई व ॥७ विरहिय व वहु-कामावत्थई वन्दिण-जण-बँन्दई व "णियत्थई ॥८ ॥ घत्ता ॥ लइयइँ आहरणाई विप्फुरिय-समुजल-मणि-गण। कसण-सरीरें थियाइँ गं वहुल-पक्खें तारायणइँ ॥९ [७] तओ 'तिलोयभूसणो सुरिन्द-दन्ति-दूसणो ॥१ पसाहिओ गइन्दओ णिवारियालि-विन्दओ ॥२ पलम्व-घण्ट-जोत्तओ वहन्त-दाण-सोत्तओं ॥३ पसण्ण-कण्ण-चामरो 'णिमीलियच्छि-उक्करो ॥ ४ मणोज-गेज-कण्ठओ भिसी-णिहट्ट-पट्टओ ॥ ५ ॥ वाल __ 5A सुढावणउं. 6 PA °दावणउं. 6. 1 P हाणउं, A पहाणउं. 2 P राणउं. 3 A अप्पउं. 4 PS लएंतु. 5 P°उं. 6 P SA णाइ. 7 P S A °इ. 8 P आसरहुल्लई, 8 आभरहुल्लइ, A अब्भरुहुल्लइ. 9 Ps विंगि, A वैगि. 10 PSA वि. 11 P मुद्धई गण, S मुद्धइ गण, A सु. 12 PS दुट्ठक्कर. 13 P 'दाणई, °दाणइ, A °दाणाइ. 14 s°विंदइ. 7. 1 P SA °उ. 2 P गइंदङ, s गयंदओ, A गइंदउ. 3 PS णिवालि'. 4 !' S °उ, A °उ. 5Ps कंठउ. A °घंटउ. - [६]१ कर्पूरागरुमिश्रितं पानीयं पीत्वा. २ उभयत्र श्लाघ्यानि. ३ नानाहराशिक्षाधुपयुक्तानि, प्रसिद्धमन्यत्र. ४ परिधानानि द्रव्यरहितानि च. [७] १ त्रिजगभूषणे गजे(?). २ 7 निर्मीलिताक्षिसमूहः. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
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