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१२६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
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णं करि करणि- करेहिँ ' विहट्टिउ ॥ १ णं कणियारि-कुसुम- 'थलि महुअरु ॥ २ दप्पण - सिरिहें व छया-णरवरु ॥ ३ पुव्व - दिसहें वॅ तरुण - दिवायरु ॥ ४ वइरि व भवि वन्धेवि साहिय ॥ ५ ड-कइ-वन्दिण-जय-जय-सर्दे ॥ ६
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फलिह-सिला-मणिय (?) थिउ छज्जई हिम- सिहरोल्लिऍ पं घणु गज्जइ ॥ ७ बहुल पक्खु पुण्णिवहें व उप्परि ॥ ८
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पण्डु-सिल' व काम-करि-केसरि
॥ घत्ता ॥
पुणु वारणेहिं उव्वट्टिउ
गउ चामियर दोणि परमेसरु
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वारिहें मज्झें पट्टु व कुञ्जरु 'सरसिहें मज्झें व पडिमा - ससहरु गन्धामलऍहिँ चिर पसाहिय पुणु उ ण्हवण-वी आणन्दें
मङ्गल- कलर्स - कराउ णावइ सयल - दिसाउ
[क० २,१- ९३, १-८
ढुक्कर णारि लङ्केसरहों । उण्णय - मेहाउ महीहरहों ।। ९
वर पहुणोऽहिसेयस्स पारम्भए " पवर- अहिसेय- तूरं समुप्फालियं
कहि म सु-सरेहिं गायणेहिं झङ्कारियं मङ्गलं वन्दि - लोएण उच्चारियं ॥ ३ कहि मि वर-वंस - वीणा - पवीणा णरा गन्ति गन्धव्व विज्जाहरा किण्णरा ॥ ४ कहि म 'कलहोय - माणिक्क- सिप्पी - विहत्थेण
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संकुन्दिओ (?) फन्द (?)- वन्दे आलिन्दओ ॥ ५ 21 कहि मि सिरिखण्ड-कप्पूर- कत्थूरिया - कुङ्कुमुप्पङ्क-पङ्केण एकेकमो आहओ ॥ ६ कहि म अहिसेय- सिङ्गबु धारा- शिवाय पवाहेण दूराहिं एक्केकमो "सिञ्चिओ ७ कहि मिड-छत्त-फम्फाव- वन्दे ह सोहग्ग-सूराणं णामावलि से" समुच्चारिया ८
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हेम- कुम्भेहिँ उक्खित्त-सारम्भ ॥ १ वद्ध छेहिँ मल्लॅहिँ ओरालियं ॥ २
2. 1P SA °हि. 2PSA चामीयर ° 3s रेसरु. 4 P मणइहे, s मणइहि, A मणियहि. 5 Ps °सिलहि, A सिलाह काम 6P पक्ख, s ° पक्खे. 7 A कलसु वराउ.
[२] १ कटिनी. २ सरोवरमध्ये, T सरोवरनद्यादिभिः ३ सुर्वज्ञः. [३] १ सुवर्णम्.
3. 1PS पहुणे. 2 A विक्कारियं. 3 Ps संकुंदिउ, A संकुंद्धिउ, Svayambhūcchandas संकुट्टिओ. 4 P फेदविदेण, s फेंदवेंदेण, Svay. ch. वेट्ठविन्देण 5Ps आनंदउ, A आनंदिउ. 6 P सिरखंड, s सिरिखंड ° corrected to सिरखंड 7 Wanting in P s. 8PS याउ, A याहउ 9PS सिगंवु, 4 सुसुगंध. 10 Wanting in A. 11 Ps वाहेण. 12 PSA सिंचिड. 13 Ps, Svay ch. सूराइ. 14Ps सेस.
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