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१०६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० ५, ७-९;६, १-१८ छड्डेइ व अवणिलयं णिलयं हसइ व "रिमुक्कमल कमलं ॥ ७ जोएइ व "सव्व-सुहं "वसुहं धरइ व "अहिठाणं अहि-ठाणं ॥ ८
॥ पत्ता॥ पुण्ण-पवित्तु विसालउ सन्ति-जिणालउ सव्वहाँ लोअहाँ सन्ति-करु । णवरेकहाँ वय-भङ्गहों पर-तिय-सङ्गहों लङ्काहिवहाँ असन्ति-करु ॥ ९
[६] दसाणणो 'समालयं
पइट्टओ जिणालयं ॥ १ तओ कओ महोच्छवो
विताग-वीण-मण्डवो ॥२ 'बिसारिया चरू 'वली
णिवद्ध तोरणावली ॥३ " समुन्भिया महद्धया
सियायवत्त चिन्धया ॥४ जिणाहिसेय-तूरयं
समाहयं गहीरयं ॥५ मउन्द-णन्दि-मद्दला
हुडुक-ढक्क-काहला ॥६ सरुञ्ज-भेरि-झल्लरी
दडिक्क-पाणिकत्तरी ॥ ७ स-दहुरा-रवुक्कडा
'स-ताल-सज-संघडा ॥८ 15 डउण्ड-डक्क-टट्टरी
झुणुक-भम्भ-झिङ्किरी ॥९ ववीस-वंस-कंसिया
तिहा सरी समासिया ॥ १० पवीण वीण पाविया
पडू झुणी सुहाविया ॥ ११ पसण्डि-दण्ड-डम्बरा
अणेय सेय चामरा ॥ १२ सुराण जं णिवन्धणं
कयं च तेहिँ पेसणं ॥ १३ 29 जमस्स सव्व-रक्खणं
पहञ्जणेण पङ्गण ॥ १४ कयं अ-रेणु-मेत्तयं
महाघणेहि सित्तयं ।। १५ वाँसईहिँ अच्चियं
वरङ्गणाहिँ णच्चियं ॥ १६ सरस्सईए गोइयं
पउञ्जिएहिँ वाइयं ॥ १७ ..
गघित्ता ॥ 25 णरवइ भामरि देप्पिणु णाहु णवेप्पिणु एक खणन्तरु ए कुमणु ।
रावणहत्थउ वाऍवि मङ्गलु गाऍवि पुणु पारम्भइ जिण-ण्हवणु १८ 3 8 अवणियलं णियलं. 4 A अहिट्टाणु अहिठाणु. 5A हिय.
6. 1 A मंडलो. 2 s चरुं वली. 3 5 वली. 4 This pāda is massing in s. 58 ढक्करी. 6 S झुणक. 7 8 झंकरी, 8A तिदा. 9 S सयासिया. 10 S पावयाविया. 11 A पसुंडि'. 12 A जगस्स. 13 s वणस्सईहिं, A वणासइंहिं. 14 A सरस्सईहिं, S सरसइए. 15 s माइयं. 16 A आरंभइ. १८ अवनिं भूमि लाति अवनिलकम् ; णिलयं स्थाम । अथवा 'अवणियलं' भूमितलम् , 'णियलं' निर्गलम्. १९ सर्वत्रमुक्तमलं कमलं शुभ्रपद्मम्. २० सर्वानि सुखानि यस्याः. २१ भूमिम्. २२ पातालं सर्पस्थानम्.
६] १T उपशमस्थानम्. २ T प्रस्ताये वृत्ताः. ३ ' ओदन-सालणादि-नैवेद्यम्. ४ I खाद्यादयः.
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