SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 165
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 15 क० ३, ७-९, ४, १-९; ५,१-६] जुज्झकण्ड-एकहत्तरिमो संधि [१०५ घर घरै मिहुणइँ पारओसियई घर घरें मह-दाण' घोसियइँ ॥७ घरै घर भोयण-सामग्गिकिय घर घरे सिरि-देवय णाइँ थियः॥ ८ ॥ घत्ता ॥ करवि महोच्छउ पट्टणे दण-दलवणे सप्परिवारु णिराउहउ । अट्ठावय-कम्पावणु. सरहसु रावणु गउ सन्तिहरहों सम्मुहउ ॥ ९ । . . [४] कुसुमाउह-आउह सम-णयणे णीसरियऍ सरियऍ दहवयणें ॥१ मणहरणाहरणालङ्करिऍ स-पसाहण-साहण-परियरिऍ॥२ दप्पहरण-पहरण-वजियएँ तराउले राउले गज्जियएँ ॥३ जय-मङ्गले मङ्गले घोसियएँ रयणियर-णियरें परिओसियएँ ॥४ ० जणु णिग्गउ णिग्गउ णित्तुरउ । महिरक्खहाँ रक्खहाँ थिउ पुरउ ॥ ५ दप्प-रहिय पर-हिय के वि णर उववासिय वासिय धम्म-पर ॥ ६ दइ(श्य)-महियऍ महियऍ का वितिय कंजय-करि जय-करि णाइँ सिय ॥ ७ क वि राम राम-उल्लावयरि के वि वत्ती वत्ती दीवयरि ॥ ८ ॥ धत्ता ॥ वाल-मइन्दालोएं णावर-लोएं सन्ति-जिणालउ दिट्ट किह ।। णह-सरवर-आवासें ससहर-हंसें खुट्टेवि घत्तिउ कमलु जिह ॥९ [५] विमलं रवि-रासि-हरं सिहरं लक्खिजइ सन्ति-हरं तिहरं ॥ १ वुहृत्तण-जम्म-रणं मरणं वारेइ व कम्पवणं पवणं ॥ २ ॥ वीसमइ व रैम्भ-वणे भवणे पङ्गुरइ व 'कुसुम-वडं अवडं ॥ ३ भणइ वै अलिमा भमरे भमरे वडइ व (2) ससि-समयं स-मयं ॥४ तोडेइ व णह-यलयं अलयं आरुहइ व अक्क रहे "कर-हे ॥ ५ मइलेइ व उज्जलयं जलयं परिहेइ व "दिव्वलयं वलयं ॥ ६ 4. 14 रयणियरे. 2 s दइए हिअए हिय. 3 वलि. 4 5 पत्ती. 5 S खुट्टिवि, A खुंटेवि. 5. 1 A जसुम. 2 s कहइ. [५] Glosses in T:-१ जन्मसंग्रामम्. २ जातिजरामरणत्रयहरणम्. ३ कम्पकारिणं वायुम्. ४ कदलीवनम्. ५ गृहे. ६ पुष्पवटम्. ७ न विद्यतेऽन्यत्र बृहद् यस्माद् वटात्. ८ असत्यम्. ९ भ्रमरे हिण्डनशीले । अन्योऽपि हिण्डनशीलोऽसत्यो भवति. १० चन्द्र-समानकं निजमतम्. ममयं . ममयं' इति पाठे, ससिं किंविशिष्टं ? अमृतं; मा लक्ष्मीस्तन्मयं च. ११ नभस्तलम्. १२ अलमत्यर्थम्. १३ आदित्यरथे. १४ करैः किरणैिित करभस्तस्मिन्, १५ मेघाः. १६ दिशां वलयं समूहम्. १७ कङ्कणम्. . पउ० च०१४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy