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(१०४] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० १, ६-१०, २, १-९;३, 1-६ कीर-चन्दे उद्वन्तऍ ठन्तऍ मलयाणिलें आवन्स वन्तऍ॥६ महुअरि पडिसल्लावऍ लावएँ जहिँ ण वि तिन्ति रेयहों तित्तिरंयहाँ॥ ७ णाउ ण णावइ किं सुऍ किंसुएँ जहिँ वसेण गयणाहहों णांहहाँ ॥८ तणु परितप्पई सीयहें सीयहों ॥९
॥ चत्ता ।। अच्छउ कि सावण्णे केण वि अण्णे जहिँ अइमुत्तउ रइ करइ । तं जण-[मण-मज्जावणु सव्व-सुहावणु को महु-मासु ण सम्भरइ॥१०
[२] कत्थइ अङ्गारय-सङ्कासउ रेहइ तम्बिरु फुल्लु पलासउ ॥ १ ॥णं दावाणलु आउ गवेसउ को मइँ दड्ढ ण दड्ड पएसउ ॥ २
कत्थवि माहवियएँ णिय-मन्दिरु एन्तु णिवारिउ तं इन्दिन्दिरु ॥ ३ 'ओसरु ओसरु तुहुँ अपवित्तउ अण्णएँ णव-पुप्फवइऍ छित्तउ' ॥ ४ कत्थइ चूअ-कुप्तुम-मञ्जरियउ गाई वसन्त-वडायउ धरियउ॥५
कत्थइ पवण-हयइँ पुण्णायइँ णं जगें उच्छलिय. पुण्णायइँ॥ ६ Is कत्थइ अहिणवाइँ भमर-उलइँ थियइँ वसन्त-सिरिहें णं कुरलइँ ॥७ फणसइँ अवुह-मुहा इव जड्डुइँ सिरिहलाई सिरि-हल इव वड्डइँ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ तेहएँ काले मणोहरे णव-णन्दीसरें लङ्क पुरन्दइ-पुरि व थिय । :: रयणियरेंहिँ गुरु-अत्तिऍ(?) अविचल-भत्तिएँ जिणहरें जिणहरें"पुज किय॥९
[३] घरे घरै महिमउ णीसारियउ घरै घरै पडिमउ अहिसारियउ॥१ घर घर तूरइँ अप्फालियई- णं सीह-उलइँ ओरालिय.॥२
घर घरै रवि-किरण-णिवारणइँ । उब्भियई विताण तोरण ॥ ३ 25 घरे घर मालउ गन्धुक्कडउ घरै घर णिवडिय चन्दण-छडउ ॥ ४
घरे घरे मोत्तिय-रङ्गावलिउ घर घर दवणुलउ णव-फैलिउ ॥ ५ घरे घरे अहिणव-पुष्फच्चणिय घरे घर चच्चरि कोड्डावणिय ॥ ६ 13. महवरी. 14 A रयहे. 15 s तहि तणु तथपइ. 16 Wanting in s.
2. 1 A ददु पएपउ. 2 माहविए, A माहवियए. 3 Aण. 4 s A तुहु. 5A अण्णपवण:. "6 s भूय. 7 A "चडायउ. 8 SA सिरिहि. 9 s A °लाइ. 10-11 The portion between 10 and 11 is wanting in A. 12 A पुजिय.
3.1 A°याउ. 2 A आउ. 3 °यइ, A °याई. 4 5 °याई, Aणाई. 5s तोरणइ, तोरणाई. 6 A हलिउ. 7 8 फुल्ल. ..
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