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९०] सयम्भुकिङ पउमचरिउ
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हेमन्त - गिम्ह पाउस-समय किं तिणि वि हरि-हर - चउवयण
5 वयणेण तेण भरहहाँ तणेण 'हउँ भामण्डलु हणुवन्तु एहु तिण्णि वि आइय कज्जेण जेण सीय कारणें रोसिय-मणाहँ लक्खणु सत्तिएँ विणिभिण्णु तेत्युं वयणु सुर्णेवि परिपालिएल णंचवण-कालें सग्गहों सुरिन्दु दुक्खाउरु धाहार्वणहिँ लग्गु
तं
'हा पैइँ सोमित्ति मरन्तऍण " भत्तार- विहूणिय णारि जिह
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हा भायर एक्कसि देहि वाय हा भायर महु सिरें पडिउ गयणु हा भायर वरहिण - महुर-वाणि 20 हा किं समुद्दे जल-विहु खुडु हा हि सुरवइ लच्छिऍ विमुक्कु हा किह दिणयरु कर-णियर- चत्तु हा चञ्चलिहूअउ केम मेरु
॥ घत्ता ॥
किं अवयवहिं अलङ्करिय | आएं वेसें अवयरिय' ॥ ९
[१०]
वोल्लिज्जइ जणयहों णन्दणेण ॥ १ उहु अङ्ग रहसुच्छलिय-देहु ॥ २
अक्खमि किं बहु - वित्थरेण ॥ ३ Tags राहव-रावणाहँ ॥ ४ दुक्करु जीवइ तें आय एत्थु ' ॥ ५ णं कुलिस- समाहउ पडिउ सेलु ॥ ६ उम्मुच्छिउ कह वि कह वि णरिन्दु ॥ ७ पुण्ण-क्खऍ हरि व मुअन्तु सग्गु ॥ ८
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[ क० ९, ९, १०, १–९; ११, १-८
॥ घत्ता ॥
मरइ णिरुत्तउ दासरहि ।
अज्जु अणाही महि ॥ ९
[११]
हा पइँ विणु जयसिंरि विहव जाय ॥१ हा हियउ फुड्डु दक्खवहि वयणु ॥ २ महु विडिओsसि दाहिणउ पाणि ॥ ३ हा किह दिदु कुम्मकडाहु फुड्डु ॥ ४ हा हि जमरायों मरणु ढुक्कु ॥ ५ हा किह अणङ्गु दोहग्गु पत्तु ॥ ६ हा म जाउ द्धिणु कुवेरु ॥ ७
॥ घत्ता ॥
25 हा निव्विसु किह धरणिन्दु थिउ णिप्पहु ससि सिहि सीयलर । टलट लिहूई म महि
केम समीरणु णिच्चलउ ॥ ८
101s A तिथु 28 वणह. 3s A पइ.
i11s महुर.
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