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८२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ .
[क०७,३-९,८,१-९,९,१-४ तिहुअण-आणन्दु तित्थु णिवइ लीला-परमेसरु चकवइ ॥ ३ तहाँ सुय णामेणाणङ्गसर । उम्मिल्ल-पओहर कण्ण वरं ॥ ४ सोहग्ग-रासि लायण्ण-णिहि णं सरहस छण-जण-भवण-दिहि ॥ ५
णं सुललिय सरय-मियङ्क-पह णं विब्भम-कारिणि काम-कह ॥ ६ । णं मणहर चन्दण-रुक्ख-लय गन्भेसरि रूवड़ों पारु गय ॥७ णिरुवम-तणु अइसएण सहइ वम्मह-धाणुंकिय-लील वहइ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ भउह-चाव-लोयण-गुणहिँ जसु दिद्वि-सरासणि लावइ । तं माणुसु घुम्मावियउ दुक्कर णिय-जीविउ पावइ ॥ ९
[८] " तहिँ अवसरें महियलें पसरिय-जसु विज्जाहरु णामें पुण्णव्वसु ॥१
मणि-विमाणे धूवन्त-धयग्गएँ तहिं आरुहेवि आउ ओलागएँ ॥२ णिवडिय दिट्ठि ताव तहों तेत्तहें वसइ अणङ्गवाण सा जेत्तहें ॥३ . 'मुद्धयन्द-मुह मुद्धड वाली अहिणव-रम्भ-गम्भ-सोमाली ॥४
सहइ परिट्ठिय मन्दिरें मणहरें लच्छि व कमल-वणहों अब्भन्तरें ॥५ " मालइ-माला-मउय-करालऍ ण यणहिँ निक्षु अणङ्गसरालऍ ॥६ विणु चावें विणु विरइय-थाणे विणु गुणेहिँ विणु सर-सन्धाणे ॥७ विणु पहरणेहिँ तो वि जजरियउ ण गणइ किं पि पुणव्वसु जरियउ ॥ ८
॥घत्ता॥ ..., लोयण-सर-पहराहऍण करवाल भयङ्करु दावेवि । पेक्खन्तहों सव्वहाँ जणहों णिय कण्ण विमाणे चडावेवि ॥९
[९]
जं अहिणव-कोमल-कमल-करा वलिमण्ड' लेवि अणङ्गसरा ॥१ स-विमाणु पवण-मण-गमण-गउ देवहुँ दाणवहु मि रणे अजउ ॥२
तं चक्काहिवइ-लद्ध-पसरा विजाहर पहरण-गहिय-करा ॥ ३ 25 कोवग्गि-पलित्त-फुरिय-वयणा दट्ठाहर भू-भङ्गुर-णयणा ॥४
4 P A °सरा. 5 P S °वरा. 6 A °धाणुहिय.7 A °गुणेण.. ___8. 1 PS A तहि. 2 P पुणुव्वसु, s पुण्णुव्वसु. 3 A जणेहिं. 4 P s °करायए. 5 A विद्ध. 6 P °सराए, s °सरायए. 7 P S A B करवाल.
9. 1 PS A B देवहु. २ उन्नतौ ऊर्वीभूती. ३ सानंदः.
[८] १ पौर्णमास्यामुदय काले यो भासुरश्चन्द्रस्तन समानमुखः. २ अशुटिला, प्रांजला. ३.हस्तानि (8)
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