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७६ सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० १०,१-९, ११, १-९, १२, १-२
[१०] जो तहिँ सारु कइद्धय-साहणे सो मइँ सत्तिएँ भिण्णु रणङ्गणें ॥१ एवहिँ एक्कु वहेवंउ राहउ कल्लएँ तहाँ वि महु वि पवरांहउ ॥ २
कल्लएँ तहों वि महु वि जाणिजइ एक्कमेक-णारायहिँ भिजइ ॥ ३ 5 कल्लएँ तहों वि महे वि एक्कन्तरु जिम्व तहाँ जिम्व महु भग्गु मडप्फर ॥४
कल्लऍ वद्धावणंउ तहेक्कहें जिम्व उज्झा-णयरिहें जिम्व लङ्कहें ॥ ५ कल्लएँ जिम्व मन्दोअरि रोवइ जिम्व जाणइ अप्पाणउ सोवइ ॥ ६ कल्लऍ णच्चउ गहिय-पसाहणु जिम्व महु जिम्ब तहाँ केरउ साहणु॥७ कल्लएँ हुअवह धगधगमाणहों जिम्ब सो जिम्व हउँ ढुक्कु मसाणहों ॥८
॥ घत्ता ॥ जिम मइँ जिम्व तेण णिहाँलिउ खर-दूसण-सम्वुक्क-पहु । जिम मइँ जिम्ब तेणालिङ्गिय कल्लएँ रणे जयलच्छि -वह ॥९
[११] तो एत्थन्तरें राहव-वीरें धीरिउ अप्पउ चरम-संरीरें ॥१ 15 धीरिउ किकिन्धाहिव-राणउ धीरिउ जम्बवन्तु वहु-जाणउ ॥२
धीरिउ रावण-उववण-मद्दणु सुहडु पहक्षण-अञ्जण-णन्दणु ॥ ३ धीरिउ णलु णीलु वि भामण्डलु दिढर्रहु कुमुउँ कन्दु ससिमण्डलु ॥४ धीरिउ रयणकेसि रइवद्धणु अङ्गउ अङ्गु तरङ्गु विहीसणु ॥ ५
धीरिउ चन्दरासि भामण्डलु हसु वसन्तु सेउ वेलन्धरु ॥६ ॥ धीरिउ दहिमुहु कलुण-रसाहिउ गवउ गवक्रतुसुर्सणु विराहिउ ॥ ७ धीरिउ तरलु तारु तारामुहु कुन्दु महिन्दु इन्दु इन्दाउहु ॥८
॥ घत्ता ॥ अण्णु वि जो कोइ रुवन्तउ सो साहारेंवि सक्कियउ । .. पर एकु दसासहों उप्परि - रोसु" ण धीरेंवि सक्कियउ ॥९
[१२] विरहाणल-जालोलि-पलितें अण्णु वि कोव-पहचण-छित्तें ॥ १ ..
"रिउ रक्खिज्जइ जइ वि सुरिन्दें ॥२ 10. 1 PS एवहि, A एव्वहिं. 2 s वहिव्वउ. 3 P°हवु, A °हउं. 4 P S °णउं. 5 Ps जेम अउझ. 6 A °णउं. 7 A ढुक्क. 8 5 °लियउ.
11. 1 °वीरे. 2 A सरीरे. 3 A राणउं. 4 PS °जाणउं. 5 P S सणलु णीलु भामंडलु. - 6. A दढ'. 7 SA कुंदु. 8 P S अण्ण इ. 9 जो कोइ wanting in A. , 10 A एक्क. 11 PS उप्परे. 12 Ps रोसु धरेवि ण. ___ 12.1 A विरहाजलण. 2 The portion from जण to जइ वि in line 3 is wanting in s.
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