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६२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० १,१०,३,१-१ [६६. छासट्ठिमो संधि] जुज्झण-मण अरुणुग्गमें किय-कलंयलई। अभिट्टाइँ पुणु वि राम-रावण-वलइँ॥
[१] गयवर-तुरय-जोह-रह-सीह-विमाण-पवाहणाई।
रण-तूरइँ हयाइँ किउ कलयलु भिडियइँ साहणाई ॥१ जाउ महाहवु वेहाविद्ध हुँ वलहुँ णिसायर-वाणर-चिन्धहुँ ॥२ दणु-विणिवारण-पहरण-हत्थहुँ अमर-वरङ्गण-गहण-समत्थहुँ ॥३
पंरिओसाविय-सुरवर-सत्थहुँ वद्धिय-जयसिरि-विक्कम-पन्थहुँ॥४ 10 गलगजन्त-मत्त-मायङ्गहुँ । पवण-गमण-पक्खरिय-तुरङ्गहुँ ॥५
दप्पुब्भडहुँ समुण्णय-माणहुँ घण्टा-घण-टङ्कार-विमाणहुँ,॥६ सगुड-सणाहहुँ सन्दण-वीढहुँ पुव्व-वइर-मच्छर-परिगीढहुँ ॥७ उद्धव-धवल-छत्त-धय-दण्डहुँ पवर-करप्फालिय-कोवण्डहुँ ॥८ मेल्लिय-एकमेक्क-सर-जालहुँ तिक्खुग्गामिय-कर-करवालहुँ ॥९
॥घत्ता
॥
'भिडे पढमयरें रंउ चलणाहउ लइय-छलु । णं उत्थियउँ सुअण-मुँह मइलन्तु खलु ॥१०
[२] खुर-खर-छज्जमाणु ण णासइ भइयऍ हयवराहुं ।
णं आइउ णिवारओ 'णं हक्कारउ सुरवराहुं ॥१ णं पाय-पहारहों ओसरेंवि . धाइउ णिय-परिहउँ सम्भरेंवि ॥२ णं दुजणु सीस-वलग्गु किउणं उत्तk सव्वहुँ उअरि थिउ ॥३ सो ण वि रहु जेत्थु ण पइसरिउ सो वि गउ जो ण वि धूसरिउ ॥ ४
1. 1 PS अभिट्टई. 2 P S 'रामण°. 3 A R°. 4 P S °वाहणाई (s °इ). 5 PS रणे. 6 A reads yazs at the end, while PS read gas in the beginning of this stanza. 7 missing in A. 8 A परिमो. 9 P S वट्टिय. 10 PS सणाउह. 11 PS उद्धय. 12 P भेडे, s भिडि. 13 P S उट्ठियउ. 14 P °सुहइं.
2.1 P खुजमाणु, सुजमाणु. 2 A नरवराह. 3 PSणं णं. 4 P S णिवार उ.5P 5 ग3. 6 A सुराह. 7 P SA °पहारहु. 8 PS परिभउ, A °परिहउं. 9 PS दुजण. 10 PS उत्तम.
[१] १ संग्रामे. २ धूली. ३ चरणचप्पणमेव छल. . [२] १ (P'. s reading ) खन्यमानः.
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