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________________ २०११-९,५,१-९] जुज्झकण्ड-पंचसट्ठिमो संघि [५७ • [४] उव्वेढाविउ हणुवन्तु जेहिं • णउ सकिउ वयणु वि'णिऍवि तेहिं ॥१ परिचिन्तिउ 'लई आइउ विणासु किय(?) वलु जे करेसइ एक्कु गासु ॥२ तहिं अवसर धाइउ अमियविन्दु दहिमुहु माहिन्दु महिन्दु इन्दु ॥३ रइवद्धणु णन्दणु कुमुउ कुन्दु मइकन्तु महोवहि मइसमुदु ॥४ कोलाहलु तरलु तरङ्गु लारु . सुग्गीउ अङ्गु अङ्गयकुमार ॥५ सम्मेउ सेउ ससिमण्डलो वि चन्दाहु कन्दु भामण्डलो वि ॥ ६ पिहमइ वसन्तु वेलन्धरो वि वेलच्छ सुवेलु जयन्धरो वि॥७ आयामेंवि वइरिहि तणउ सेण्णु समकण्डिउ सबहिँ कुम्भयण्णु ॥८ ॥ घत्ता ॥ एक्कलऍण • तो वि चलन्ते सम्मुहेंण । वलु तासियंउ गय-जू हु व पश्चाणणेण ॥९ [५] जं खत्तु मुएवि कइद्धएहिँ समकण्डिउ वेहाविद्धएहिँ ॥१ तहिँ कइकसि-णयणाणन्देणेण रूसँवि रयणासव-णन्दणेण ॥२ ॥ दारुणु थम्भण-मोहण-समत्थु पम्मुक्कु दसणावरण-अत्थु ॥ ३ सोवाविउ साहणु सयलु तेण णं जगु अत्थन्तें दिणयरेण ॥४ को वि घुम्मइ को वि सरीरु वलइ कासु वि किवाणु करयलहों गलइ ॥५ घुरहुरइ को वि णिहाएँ भुत्तुं को वि गब्भन्तरें णरु णाई सुत्तुं ॥६ एत्थन्तरें किक्किन्धाहिवेण पडिवोहणत्थु पम्मुक्कु तेण ॥ ७ ॥ उम्मोहिउँ उहिउ वलु तुरन्तु 'कहिँ कुम्भयण्णु वलु वलु' भणन्तु ॥८ ॥ घत्ता ॥ सवर्डम्मुहउ णं उवहि-जलु पुणु वि पडीवउ धावियउ । महि रेल्लन्तु पराइयउ॥९ ..4.1 wanting in P.S. 2A सइ. 3 s किं. 4 P तालु. 5 A सुग्गउ. 6 Ps कुंदु. 7 PS सवेलु. 8 PS आएहिं (s यहि) मायामेवि वइरिसेण्णु. 9 Pणासिङ, s णासिउ...... 5. 1 Ps गंदणेहिं ( 5 °हि). 2 P पमुक्क, S पम्मुक्क, A पमुक्कु. 3 PS घुरहुरइ. 4 A भत्तु. 5 Ps को (क)ह गम्भमंतरे गाइ. 6 A सत्तु. 7 P आमुक्ख, s मामुक्छ. 8 A वण्णु. 9 Ps. सवडम्मुहु, A सवडम्मुहउं. [५] १ दृष्टि-आवरण. पउ००८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
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