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क०१०,९,११,१-९,१२,१
जुज्झकण्डं-चउसट्ठिमो संधि [५३
॥ घत्ता ॥ हउँ वज्जोयर भड-मदणु तुहुँ पवणञ्जय-णन्दणु । अभिडहुँ वे वि भय-भासुर रणु पेक्खन्तु सुरासुर' ॥९
[११] ते विण्णि वि गलगजन्त एम्व मुक्कङ्कुस मत्त-गईन्द जेम्व ॥ १ अभिट्ट महाहवें अतुलं-मल्ल . पडिवक्ख-पक्ख-णिक्खन्त-सल्ल ॥२ अहिमाण-अणुभंड सुद्ध-वंस सङ्गाम-सऍहिँ लद्ध-प्पसंस ॥ ३ तो णवर समीरण-णन्दणेण खर-सूर-समप्पह-सन्दणेण ॥ ४ विहिँ सरेंहिँ सरासणु छिण्णु तासु णं हियां खुडिउ वज्जोयरासु ॥ ५ किर अवरु चाउ करें चडइ जाम्व सय-खण्ड-खण्डु रहु कियउ ताम्व ॥ ६: 10 जामण्ण-महारट्टे चडइ वीरु धणुहरु वि ताव किउ हय-सरीरु ॥ ७ तईयउ कोवण्डु ण लेइ जाम वीओ वि महारहु छिण्णु ताम ॥ ८
॥ पत्ता ॥ तो वि णिसिर्यरु जुज्झ-पियारउ वि-रहु कियउ बे-वारउ । पुणु पैच्छलें वाणेहि सल्लिउ महिहरु जिह ओणल्लिउ ॥ ९ ॥
[१२] जं हउ वजोअरु भग्गु मालि तं स-रहसु धाइउ जम्बुमालि ॥ १ मन्दोअरि-णन्दणु दणु-विणासु ___ सउ सीहहुँ रहें सञ्जुत्तु तासु ॥ २ ते वियंड-दाढ ओरालि-वयण ___ उद्बुसिय-केस णिड्डरिय-णयण ॥ ३ कन्धर वलग्ग-लङ्गूल-दण्ड णह-णियर-भयङ्कर चलण-चण्ड ॥ ४ ॥ आऍहिँ करि-कुम्भ-वियारणेहिँ जसु उज्झइरहु पञ्चाणणेहिँ ॥ ५ सो जम्बुमालि मरु-णन्दणासु गिव्वारवण-वण-मद्दणासु ॥६ आलग्गु सु-करयलें करेंवि चाउ सु-कलत्तु जेम्व जं सु-प्पणाउ ॥ ७ ते आयामवि वहु-मच्छरेण णाराउ विसजिउ णिसियरेण ॥ ८
6 PS कंडमद्दणु. 7 P अभिडहं, S अभिडह.
11. 1 P°गइंदु, S °गयंदु. 2 A अहिमाणि. 3 P खर° corrected as खय', खय. 4 PS जा अण्ण', A जामन्न. 5s भावं किउ, A ताव किउ. 6 P तइअउं. 7 P S वीयउ. 8 Ps णिसायरु. 9 °पियरउ. 10 P पच्छलिं, 5 पच्छलें.
12. 1 PS सहु, A सय. 2 A संजुत्त. 3 P विडिय, s भिडिय'. 4 P ओरालिय', 5 उरालिय.
[११] १ आरोपित-सल्ल. २ प्रमाणसहित (?). ३ धनुष्यस्य विशेषणमेतद् (?).
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