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'४४] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क०,९-१३४, १-११,५,३-३ ताम कुमारु वुत्तु विक्खाऍहिँ वजयण्ण-सीहोयर-सऍहिँ ॥१ . 'णव-कुवलय-दल-दीहर-णयणहुँ मयगर्ल गइ-गमणहुँ ससि-वयगहुँ ॥ १० उच्च-णिलाडालविय-तिलयहुँ वहु-सोहग्ग-भोग्ग-गुण-णिलयहुँ ॥ ११ विब्भम-भाउन्भिण्ण-सरीरहुँ तणु-मज्झहुँ थण-हर-गम्भीरहुँ॥ १२
॥ घत्ता ॥ अहिणव-रूवहुँ लायण्ण-वण्ण-संपुण्णहुँ । लइ भो लक्खण वर तिण्णि सयइँ तुहुँ कण्णहुँ' ॥१३
[४] तं णिसुणेप्पिणु दसरह-णन्दणु एम पजम्पिउ हसेंवि जणदणु ॥१ 10 'अच्छउ ति-यणु ताम 'विलवन्तउ 'भिसिणि-णिहाउ व रवियर-छित्तउ॥२
मइँ जाएवउ दाहिण-देसहाँ कोकण-मलय-पण्डि-उद्देसहों ॥३ तहिं वलहद्दहाँ णिलउ गवेसमि पच्छएँ पाणिग्गहण करेसमि' ॥४ एम कुमारु पजम्पिउ जं जे मणे विसण्णु कण्णायणु तं जे ॥ ५ दड्ड हिमेण व णलिणि-समुच्चउ मुहें मुहें णाइँ दिण्णु मसि-कुश्चउ ॥ ६ 15 जाम. ताम तूरेहिँ वजन्तेंहिँ 'विविहेंहिँ मङ्गलेहिँ गिजन्तेंहिँ ॥ ७
वन्दिणेहिँ 'जय जय' पभणन्तेंहिँ खुजय-वामणेहिँ णच्चन्तेहि ॥८ सीय स-लक्खणु वलु पइसारिउ वीया-इन्दु व जयजयकारिउ ॥९ तहिँ णिवसेप्पिणु णयरे रवण्णऍ अद्धरत्ति-अवसर पडिवण्णऍ॥ १०
॥ घत्ता॥ वल-णारायण गय दसउरु मुऍवि महाइय । चेत्तहाँ मासह) तं कुबर-णयरु पराइय ॥ ११ ।
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कुबर-णयरु पराइय जाहिँ | फग्गुण-मासु पवोलिउ ताहिँ ॥ १
पईठु वसन्त-राउ आणन्दें कोइल-कलयल-मङ्गल-सद्दे ॥२ 25 अलि-मिहुणेहिँ वन्दिणेहिँ पढन्तेंहिँ वरहिण-वावणेहिँ णचन्तेंहिँ ॥ ३ 12 PS विक्खायहुं. 13 PS रायहुं. 14 PS मयगलगमणहुं णं. 15 PS तिणि सयई वरकण्णहुँ.
4. 1A तिर्ययणु. 2 P विलवत्तउ, विलत्तउ, A विलिंतउ. 3 A °चित्तउ. 4 A °एसहो. 5A omits this pada. 6 A Omits this line. 7 A यंदु. 8 PS अद्धरत्ते. 9 PS चइत्तहो, A चइतहो. 10 A कुव्वरु.
5. 1 PS फागुण. 2.P S पह. 3 P S °कलयलु. [४] १ तापः खेद उष्णत्वं च ( ? ). २ कमल (?)-समूह. ३ समूहः. [५] १ गतः.
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