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क०८, १-१२,९,१०८]
उज्झाकण्डं-पञ्चवीसमो संधि [३५.
[८]
जं जग-णाहु दिट्ट वल-सीय-लक्खणेहिं ।
तिहि मि जणेहिँ बन्दिओ विविह-वन्दणेहिं ॥ १ 'जय रिसह दुसह-परिसह-सहण जय अजिय अजिय-वम्मह-महण ॥२ जय संभव संभव-णिदलण . जय अहिणन्दण णन्दिय-चलण ॥ ३ । जय सुमई-भडारा सुमइ-कर पैउमप्पह पउँमप्पह-पवर ॥ ४ जय सामि सुपास सु-पास-हण चन्दप्पंह पुण्णं-चन्द-बयण ॥५ जय जय पुष्फयन्त पुप्फच्चिय जय सीयल सीयल-सुह-संचिय ॥६ जय सेयङ्कर सेयंस-जिण जय वासुपुज पुजिय-चलण ॥ ७ जय विमल-भडारा विमल-मुह जय सामि अणन्त अणन्त-सुह ॥ ८ 10 जय धम्म जिणेसर धम्म-धर जय सन्ति-भडारा सन्ति-कर ॥ ९ जय कुन्थु महत्थुइ-थुअ-चलण जय अर-अरहन्त महन्त-गुण ॥ १० जय मल्लि महल्ल-मल्ल-मलणं मुणि सुवय सु-बय सुद्ध-मण' ॥ ११
॥ पत्ता ॥ वीस वि जिणवर वन्देप्पिणु रामु वैईसइ । जहिँ सीहोयरु तं णिलउ कुमारु पईसइ ॥ १२ ॥
[९] ताम णरिन्द-वारे थिर-थोर-वाहु-जुअलो ।
सो' पडिहारु दिदु सहत्थ-देसि-कुसलो ॥ १ पइसन्तु सुहडु तें धरिउ केम णिय-समएं लवणसमुदु जेम ॥२ ॥ तं कुविउ वीरु विप्फुरिय-वयणु विहुणन्तु हत्थ णिड्डुरिय-णयणु ॥ ३ . मण चिन्तइ वइरि-समुद्द-महणु 'किं मारमि णं णं कवणु गहणु' ॥ ४ । गउ एम भणेविं भुअ-दण्ड-चण्डु णं मत्त-महागउ गिल्ल-गण्डु ॥ ५ तं दसउर-णयरु पइदु केम जण-मण-मोहन्तु अणङ्गु जेम ॥ ६ दुबार-वइरि-सय-पाण-चोरु णीसरिउ णाई केसरि-किसोरु॥७ जं लक्खणु लक्खिउ राय-वारें पडिहारु वुत्तु 'मं में णिवारे' ॥८
8. 1 Ps वंदिउ. 2 P अहिणंदिय. 3 PS.जय पउमपह. 4 P पउमरायणहर, s पउमप्पहर. 5 s 'हर, A °हरण. 6s जय चंदप्पह. 7s च्छण. 8A °महण. 9 A मणि वंदिवि शहउ वइसह. 10 2 उववइसइ, S उववईसह.
9. 1 PS °वारें, A वारि. 2 PS सो पि. 3 P S दिहउ रायवारि. 4 PS णिवारि.
[८] कामः, २ लक्ष्मणः.
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