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कं० १, ८–९; २, १–११, ३, ३]
कोवाणल. पलिन्तु सीहोयरु 'जो मइँ मुऍवि अण्णु जयकारेंर्इ
अह किंबहुऍण जइ विमारमि
पइसन्ते रयहिँ मझयालें तें दिट्ठ राहिङ विष्फुरन्तु रोमश्चशुः कखुइय देहु सेण्णद्ध-बद्ध परियर- निवन्धु वलिवण्ड-मण्ड- णिड्डुरिय-णयणु " मारेवर रिउ " जम्पन्तु एम "तं पेक्खवि चिन्तइ भुअ-विसालु साहम्मिय -वच्छ किं" करेमि ग म भवि कण्टइय-गत्तु
अरुणु में दिरिन्देण
उज्झाकडं - पञ्चवीसमो संधि [३१ •
णं गिरि - सिहरें मइन्द- किसोयरु ॥ ८ सो किं हय गय रज्जु ण हारइ ॥ ९
॥ धत्ता ॥
पइज करेवि जाम पहु आहवे अभङ्गो । ताम पट्टु चोरु णामेण विज्जुलङ्गो ॥ १
कलऍ दिrयरें अत्यन्तऍ ।
तो इसमि जलणें जलन्तऍ ॥ १० [२]
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अलिउल-कज्जल-सण्णिह - तमालें ॥ २ पलयाणलो व धगधगधगन्तु ॥ ३ जल - गब्भिणु णं गजन्तु मेहु ॥ ४ रण-भर-धुर-धोरि दिर्पण- खन्धु ॥ ५ दोडे - विष्फुरिय-वय ॥ ६ ' सुहुखय-कार्ले सणिच्छरु कुंविड जेम ॥ ७ " किं मारमि णं णं सामिसालु ॥ ८ सायरेण गम्पिणु कहेमि" ॥ ९ णिविसद्धे दसउँर-णयरु पत्तु ॥ १०
॥ घत्ता ॥
सो विज्जुल धावन्त । जस-पुञ्जाइँ आवन्त ॥ ११
[ ३ ] हसेवि विजुलङ्गो । हु हल - पुलइयङ्गो” ॥ १
पुच्छिउ वज्जयर्ण "भो भो कहिँ पहु
7 A णवकारइ. 8 A णव. 9 P corrects as सो वि तो.
2. 1 Ps रोमंचु. 2 P s गजंत. 3 PSA 'णिवद्धु. 4 A धोरिय 5PS दिण्णु. 6s खंभु. 7s वलिमंड 8Ps दंतोह, A दट्ठोइउटू. 9PS 'णयणु. 10s जेम. 11 A कुछ उ. 12 Between lines 8 and 9 P s read the following Doha.
•
किह परिरक्खि (क्ख ) उमित्तु । .
एम भणेवि नियन्तु ( P gloss निसृतः चौरः ) ॥ 13 A संवच्छलु. 14 A omits. 15 Ps दसउरु. 16 Ps छुड छुड.
देहें (s दिहं ) विजुगु चिंताविउ किं वेसें (s वेसहि ) किं कुंडलेहिं
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3. 1 A वज्जयपुणेणं.
[२] १ अन्धकार-स्थाने. २ अतीव प्रगुणीभूतः ३ संग्राम सामग्री- समुदाय युक्तः. [३] १ अतीव घनम्.
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