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२२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
सरि गम्भीर यिच्छिय जावेंहिँ 'तुम्हेंहिँ एवहिं आवडिच्छा उज्झ मुष्पिणु दाहिणएसहों • एम भणेपिणु समरें- समत्था पइसरन्ति तहिँ सलिलें भयङ्करें 'सिय अरविन्दों उपरि णावइ णं उज्जोउ करावइ गयणहों लहु जलवाहिणि- पुलिणु पवण्णइँ
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वलिय पडीवा जोह कु-मुणि कु- वुद्धिं कु-सील
वल 'वोलवेंवि राय णियन्ता
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वलिय के वि णीसासु मुअन्ता के वि महन्तें दुक्खें लइया के वि तिमुण्ड धारि वम्भारिय के विपवण-धु-धवल-विसालऍ थिय पवज्ज लपिणु णरवर .20 विजय - वियड्डु - विओय - विमद्दण पुनर्म- पुण्डरीय- पुरिसुर्त्तम
[ १४ ]
सलु वि सेण्णु णियत्ति तावेंहिं ॥ १ भरों भिच्च होहं हियइच्छा ॥ २ अम्हेंहिँ जाएव वण- वासह' ।। ३ सायर - वज्जावत्त-विहत्था ॥ ४ रामहों चंडिय सीय वामऍ करें ॥ ५ णावइ यिय-कित्ति दरिसावइ ॥ ६ ाइँ पदरिस घेण दहवयणहों ॥ ७ भवियइँ णरयों उत्तिष्णइँ ॥ ८
॥ घत्ता ॥
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sarsha- पहाण संजम - नियम-गुणेहिँ
[ क० १४, १-९, १५, १-९
जे पहु - पच्छले लग्गा ।
णं वजहें भग्गा ॥ ९
॥ घत्ता ॥
[१५]
णावइ सिद्धि कु-सिद्ध ण पत्ता ॥ १ खणें खर्णे 'हा हा राम' भणन्ता ॥ २ लोड करेवि के वि पवइया ॥ ३ के वितिकाल - जोई वय-धारिय ॥ ४ गम्पिणु तहिँ हरिसेण - जिणालऍ ॥ ५ सढ - कढोर - वरं-मेरु-महीहर ॥ ६ धीर - सुवीर सच्चे- पियवद्धण ॥ ७ विउल-विसाल- रणुर्मिय - उत्तम ॥ ८
जिणवर - चलण णमंसेवि । अप्पर थिय से इँ भू सेंवि ॥ ९
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14. 1 s णरवइ 2s होहु, 4 होह भिञ्च 3s समरि. 4 A उप्परे 5Ps पुलणु. 6 Ps कुसील कुबुद्धि. 7 P पव्वज्जहि, s पव्वज्जाहिं.
15. 1 PS बोलाएवि, A वोलाविवि. 2 P को वि corrected as के वि, s को वि. 3 Ps वम्हारिय 4 Ps जोगि. 5A लए विणु. 6s A °धर 7A सन्च 8 A पुंगव . 9Ps पुरुसोत्तम. 10 4 सारणुम्मिय 11 Ps सयं.
[१४] १ लक्ष्मीः २ सीता. ३ तटम्.
[१५] १ व्यक्तः ( ? ) २ व्याघुटिताः ३ शठ - कठोराद्युत्तमपर्यन्ताः सर्वेऽपि राजानो अमी, विजयनादम् ( ? ).
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