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क० १२, १-९,१३,१-९]
उज्झाकण्डं-तेवीसमो संधि [२६
[१२] उज्झहें दाहिण-दिसऍ विणिग्गय णाइँ णिरङ्कुस मत्त महा-गय ॥ १ ण सहइ.पुरि वल-लक्खण-मुक्की मुक कु-णारि व पेसण-चुकी ॥ २ पुणु थोवन्तरें वित्थय-णामहों तरुवर णमिय सुभिच्च व रामहों ॥३ उट्ठिय 'विहय वमाल करन्ता. णं वन्दिण मङ्गलइँ पढन्ता ॥४ अद्ध-कोसु संपाइय जाहिँ विमलु विहाणु चउद्दिसु ताहिँ ॥५ णिसि-णिसियरिऍ आसि जं गिलियां णाई पडीवउ जउ उग्गिलियउ ॥६ रेहइ सूर-विम्वु उग्गन्तउ णावइ सुकइ-कव्वु पह-वन्तउ ॥ ७ पच्छऍ साहणु ताम पधाइउ लहु हैलहेइहें पासु पराइउ ॥ ८
॥ पत्ता ॥ सीय-सलक्खणु रामु पणमिउ णरवर-विन्देहि । णं वन्दिउ अहिसेऐं जिणु वत्तीसहिँ इन्देहि ॥ ९
. [१३] हेसन्त-तुरङ्गम-वाहणेण परियरिउ रामु णिय-साहणेण ॥ १ णं दिस-गउ लीलऍ पयइँ देन्तु । तं देसु पराइउ 'पारियत्तुं ॥ २ ॥ अण्णु वि थोवन्तर जाइ जाम गम्भीर महाणइ दिट्ट ताम ॥३ परिहच्छं-मच्छ-पुच्छुच्छलन्ति । फेणावलि-तोय-तुसार देन्ति ॥ ४ कारण्ड-डिम्भ-डैम्भिर्य-'सरोह वर-कमल-करम्विय-जलपओह ॥ ५ हंसावलि-पक्ख-समुल्हसन्ति कल्लोल-वोल-आवत्त दिन्ति ॥६ सोहई बहु-वणगय-जूह-सहिय डिण्डीर-पिण्ड दरिसन्ति अहिय ॥ ७ ॥ उच्छलइ वलइ पडिखलइ धाइ मल्हन्ति महागय लीलणाइँ ॥८
॥ घत्ता ॥ ओहर-मयर-रउद्द सा सरि णयण-कडक्खिय। दुत्तर-दुप्पइसार । णं दुग्गइ दुप्पेक्खिय ॥९
' 12: 1 PS दक्षिणदिसिए. 2 P मुक्कु. 3 PS कुमारि. 4 P तरुभर. 5 PS सुभिच. 6 P मवालु corrected as रवालु. 7 A करंति.8 A पढंति. 9A गलियड, 10 PS उयवंतउ. 11 PS सुकयकच पवहंतउ. 12 P हलहे corrected as हलएवहे. 13 PS अहिएहिं.
13. 1 SA हिंसंत'. 2 P S पारितु. 3s थोवंतरि. 4 A परिहत्थ. 5A °टुंभियस. डोह. 6 P A omitted. 7 P A जूहसमूहसहिय.
[१२] १ विदग्धा स्त्री ( Reading कुमारि ). २ पखी ( पक्षी ). ३ अभिषेकेन (?) [१३] 7 पर्वते. २ वेगवन्तः. ३ विदोलिताः. ४ लहरीसंघाताः. ५ फेन. ६ अधिकाः.
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